श्रीनगर| नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला से प्रवर्तन निदेशालय ने जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ के कोष में कथित गबन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक केस में सोमवार को पूछताछ की.
अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि पहले की तरह धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत नेशनल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष अब्दुल्ला का बयान दर्ज किया जाएगा. ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर यह मामला दर्ज किया है.
सीबीआई ने जेकेसीए के महासचिव मोहम्मद सलीम खान और पूर्व कोषाध्यक्ष एहसान अहमद मिर्जा समेत कई पदाधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
उधर फारूक के बेटे उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया कि नेशनल कान्फ्रेंस जल्द ही ईडी के सम्मनों का जवाब देगी. उन्होंने ट्वीट किया, ‘यह कुछ और नहीं बल्कि ‘गुपकर घोषणा’ के तहत ‘पीपुल्स अलायंस’ के गठन के बाद की जा रही प्रतिशोध की राजनीति है.’
बता दें कि यह मामला 2012 में जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन में करीब 113 करोड़ रुपये के गबन से जुड़ा है. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने अप्रैल 2002 से दिसंबर 2011 के दौरान जेकेसीए को यह रकम ट्रांसफर की थी, लेकिन फंड का कथित तौर पर गबन कर लिया गया.
हाईकोर्ट ने 2017 में 9 मार्च को इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपते हुए कहा था कि पुलिस की जांच में तेजी और विश्वसनीयता का अभाव है.
सीबीआई ने फारूक अब्दुल्ला, खान, मिर्जा, मीर मंज़ूर गजनफर अली, बशीर अहमद मिसगर और गुलज़ार अहमद बेग (जेकेसीए के पूर्व लेखाकार) के खिलाफ चार्जशीट दायर की, जिसमें 2002-11 के बीच राज्य में खेल को बढ़ावा देने के लिए एसोसिएशन ऑफ कंट्रोल फॉर इंडिया द्वारा दिए गए अनुदानों में से 43.69 करोड़ रुपये के ‘जेकेसीए के धन की हेराफेरी’ की गई.’
ईडी की जांच में पाया गया है कि वित्त वर्ष 2005-2006 से 2011-2012 (दिसंबर 2011 तक) के दौरान जेकेसीए को तीन अलग-अलग बैंक खातों में बीसीसीआई से 94.06 करोड़ रुपये मिले.