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कुछ दिन बाद अंतिम फैसला: पांच राज्यों में चुनाव कराने को लेकर आयोग पशोपेश में, रैलियों पर लगाई जा सकती है रोक

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राजधानी दिल्ली में निर्वाचन आयोग और स्वास्थ्य विभाग की ओर से पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव को लेकर महत्वपूर्ण बैठक हुई. पूरी बैठक के दौरान चुनाव आयोग और स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में चुनाव कराने को लेकर पशोपेश में रहे.

इसका कारण है कि महामारी विशेषज्ञ के द्वारा फरवरी महीने में कोरोना की तीसरी लहर बताई जा रही है. इस वजह से चुनाव आयोग और स्वास्थ्य मंत्रालय फिलहाल कोई ठोस फैसला आज नहीं कर सके.

देश में ओमिक्रॉन के बढ़ते मामले को लेकर इतना जरूर है कि राजनीतिक दलों की बड़ी चुनावी रैलियों पर रोक लगाई जा सकती है. हालांकि निर्वाचन आयोग और स्वास्थ्य मंत्रालय जनवरी के पहले सप्ताह में पांच राज्यों में चुनाव कराने को लेकर बैठक कर फाइनल फैसला करेगा.

बैठक के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने चुनाव आयोग को कोरोना के ताजा हालातों की जानकारी दी. चुनाव आयोग ने स्वास्थ्य मंत्रालय से देश में कोरोना के हालात पर डिटेल रिपोर्ट मांगी थी. इसके साथ स्वास्थ्य सचिव ने कहा है कि जिन राज्यों में चुनाव हैं वहां स्थितियां फिलहाल गंभीर नहीं हैं.

आने वाले दिनों में देश में कोरोना की लहर की संभावना और ओमिक्रॉन को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव की रिपोर्ट के बाद संभव है कि चुनाव आयोग कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन का निर्देश दे.

बड़ी रैलियों और जनसभाओं पर रोक लगा दी जाए. वर्चुअल और डोर-टू-डोर कैंपेन की इजाजत मिले. चुनाव प्रचार के तरीकों में बदलाव के साथ मास्क और दो गज की दूरी को पूरी तरीके से लागू की जा सकती है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट की अपील के बाद चुनाव रोके जाने की उठने लगी मांग
बता दें की पिछले दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश में चुनावी रैलियों को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और निर्वाचन आयोग से अपील की थी.उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव होने हैं.

उल्लेखनीय है कि मार्च में इन पांचों राज्यों की विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है. इससे पहले विधानसभा चुनाव संविधान के अनुसार कराना बेहद जरूरी है. देश में कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन बड़ी तेजी के साथ पैर पसार रहा है.

जिसके चलते 5 राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों पर रोक की मांग भी उठने लगी है. अगर कोरोना के हालात के चलते चुनावों को टालने का फैसला लिया जाता है तो इन राज्यों में विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने के बाद राष्ट्रपति शासन लागू हो जाएगा.

निर्वाचन आयोग की टीम इसी सप्ताह उत्तर प्रदेश के दौरे कर वहां की वास्तविक स्थिति का जायजा लेने जाएगी. उसके बाद अब जनवरी के पहले सप्ताह में होने वाली एक और निर्वाचन आयोग और स्वास्थ्य मंत्रालय की बैठक के बाद पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने और चुनावी रैलियों पर कितनी पाबंदी लगाई जाएगी, तस्वीर साफ हो सकेगी.

शंभू नाथ गौतम

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