उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव प्रचार शनिवार शाम 6 बजे खत्म हो गया. सभी पार्टियों ने जीत के लिए कमर कस ली है . अब कोई दल या प्रत्याशी रैली, जनसभा या अन्य माध्यम से प्रचार नहीं कर पाएगा. मतदाताओं से डोर टू डोर संपर्क किया जा सकता है. अब जनता की बारी है. आखिरी दिन सभी पार्टियों के नेताओं ने प्रचार में खूब पसीना बहाया.
एक चरण में 14 फरवरी, सोमवार को वोट डाले जाएंगे. उत्तर प्रदेश के दूसरे चरण का भी प्रचार खत्म हो गया. इसके साथ गोवा का भी चुनाव प्रचार खत्म हो गया. उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव में इस बार सभी 70 सीटों पर 632 प्रत्याशी मैदान में ताल ठोक रहे हैं. इनमें से 391 प्रत्याशी गढ़वाल मंडल के सात जिलों की 41 सीटों से जबकि कुमाऊं मंडल की 29 सीटों पर 241 प्रत्याशी मैदान में हैं.
देहरादून जिले की 10 सीटों पर 117 प्रत्याशी, हरिद्वार जिले की 11 विधानसभा सीटों पर 110 प्रत्याशी, उत्तरकाशी जिले की तीन सीटों पर 23 प्रत्याशी व चमोली जिले की तीन विधानसभा सीटों पर 31 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं. रुद्रप्रयाग जिले की दो विधानसभा सीटों पर 25, टिहरी जिले की छह विधानसभा सीटों पर 38, पौड़ी जिले की छह विधानसभा सीटों पर 47 प्रत्याशी और पिथौरागढ़ जिले की चार विधानसभा सीटों पर 28 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं.
बागेश्वर जिले की दो विधानसभा सीटों पर 14 प्रत्याशी, अल्मोड़ा जिले की छह विधानसभा सीटों पर 50 प्रत्याशी, चम्पावत जिले की दो विधानसभा सीटों पर 14 प्रत्याशी, नैनीताल जिले की छह विधानसभा सीटों पर 63 प्रत्याशी और ऊधमसिंह नगर जिले की नौ विधानसभा सीटों पर 72 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं.
सबसे अधिक 19 प्रत्याशी देहरादून की धर्मपुर विधानसभा सीट पर हैं. प्रचार के आखिरी दिन भाजपा कांग्रेस आम आदमी पार्टी समेत अन्य प्रत्याशियों ने पूरी ताकत झोंक दी. उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव को सकुशल निपटाने के लिए शनिवार दोपहर से ही पोलिंग पार्टियां दूरस्थ मतदान केंद्रों के लिए रवाना हो गईं.
इन मतदान केंद्रों तक पहुंचने लिए मतदान अधिकारियों को खूब मशक्कत करनी होगी, खूब पसीना बहाना पड़ेगा. इनमें कई मतदान केन्द्रों तक पहुंचने के लिए इन दलों को पूरा एक दिन पैदल चलना पड़ेगा. वहीं रविवार को भी पोलिंग पार्टियां रवाना होंगी.
चुनाव प्रचार खत्म होने से पहले शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अगर हमारी पार्टी सत्ता में आई तो समान नागरिक संहिता लागू किया जाएगा. देहरादून में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सीएम ने कहा कि इस बार भाजपा की सरकार बनते ही यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए कमेटी बनेगी और यूनिफॉर्म सिविल कोड का दायरा विवाह, तलाक, जमीन जायदाद व उत्तराधिकार के मामले तक इसमें शामिल किए जाएंगे.
शंभू नाथ गौतम
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