कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की शनिवार को होने वाली बैठक से पहले पार्टी में जी-23 नेताओं और कांग्रेस नेतृत्व के बीच सुलह की कोशिश तेज हो गई है. सीडब्ल्यूसी, जो पार्टी का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय है, उसकी बैठक में संगठनात्मक चुनावों को मंजूरी देने की संभावना है, जो कि असंतुष्ट ग्रुप से जुड़े नेताओं की प्रमुख मांग है.
प्रियंका गांधी वाड्रा दूतों के जरिए दूसरे खेमे तक पहुंच रही हैं. कमलनाथ असंतुष्ट समूह से बात कर रहे हैं और प्रियंका भी भूपिंदर हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा को लखीमपुर खीरी हिंसा के विरोध में शामिल करके जी -23 तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं. वह अपनी रैली के लिए जूनियर हुड्डा को वाराणसी भी ले गई हैं.
सुलह के संकेत कांग्रेस के उस पत्र से मिले हैं, जिसे पार्टी महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने लखीमपुर खीरी कांड पर एक ज्ञापन सौंपने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने का समय मांगा है. पत्र के हस्ताक्षरकतार्ओं में राहुल गांधी के बाद दूसरे नंबर पर गुलाम नबी आजाद शामिल हैं. गुलाम नबी आजाद जी-23 नेताओं में से एक हैं.
कांग्रेस पिछले साल अगस्त 2020 से आंतरिक अंतर्कलह से घिरी हुई है, जब सोनिया गांधी को प्रभावी नेतृत्व के लिए एक पत्र लिखा गया था. पिछले महीने गुलाम नबी आजाद ने फिर सोनिया गांधी को सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाने के लिए पत्र लिखा था और अब कांग्रेस आलाकमान ने 16 अक्टूबर को बैठक बुलाई है.
पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने हाल ही में कहा था, हमारी पार्टी में कोई अध्यक्ष नहीं है, इसलिए हमें नहीं पता कि सभी निर्णय कौन ले रहा है. हम इसे जानते हैं, फिर भी हम नहीं जानते, मेरे किसी वरिष्ठ सहयोगी ने शायद लिखा है या सीडब्ल्यूसी की तत्काल बैठक बुलाने के लिए अंतरिम अध्यक्ष को पत्र लिखने वाला है ताकि बातचीत शुरू की जा सके.
लखीमपुर खीरी कांड के बाद जी-23 ने अपने बयानों में नरमी ला दी है. जी-23 के नेताओं में से एक आनंद शर्मा ने गांधी परिवार की प्रशंसा की. उन्होंने कहा, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के उन किसानों के साथ करुणा और एकजुटता के साहसी कार्य की सराहना करते हैं, जिनके बेटे मारे गए थे.
शोक संतप्त किसानों के लिए न्याय के लिए लड़ने के लिए एक ईमानदार और प्रतिबद्धता जताई, जिसे कानून के शासन का सम्मान करने वाले सभी लोगों का समर्थन करना चाहिए.