शिक्षा मंत्रालय ने 15 अक्टूबर से क्रमबद्ध तरीके से स्कूलों को फिर से खोलने के लिए दिशानिर्देश जारी कर दिए है. शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि राज्य अपनी परिस्थितियों को देखते हुए और उचित सामंजस्य से निर्णय लें.
राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को स्वास्थ्य, स्वच्छता और सुरक्षा के लिए फिजिकल/सोशल डिस्टेंसिंग के साथ अपनी मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार करनी होगी.
मंत्रालय ने कहा है कि छात्र अभिभावकों की लिखित सहमति से ही स्कूलों में जा सकते हैं. उपस्थिति में छूट दी जाएगी. छात्र स्कूल आने की बजाय ऑनलाइन कक्षाओं का विकल्प चुन सकते हैं.
स्कूलों में मिड डे मिल बनाने और परोसने में सावधानियां बरती जाएं. NCERT के वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर का पालन किया जा सकता है.
1 अक्टूबर से शुरू हुए अनलॉक 5 के लिए दिशा निर्देश जारी करते हुए गृह मंत्रालय ने कहा था कि स्कूलों और कोचिंग संस्थानों को फिर से खोलने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को 15 अक्टूबर 2020 के बाद क्रमबद्ध तरीके से एक निर्णय लेने के लिए छूट दी गई है. स्थिति के मूल्यांकन के आधार पर संबंधित स्कूल/संस्थान के प्रबंधन के साथ परामर्श करके निर्णय लिया जाएगा.
गृह मंत्रालय ने कहा था कि उपस्थिति को जबरन लागू नहीं किया जाना चाहिए और ये पूरी तरह से माता-पिता की सहमति पर निर्भर होनी चाहिए.
शिक्षा मंत्रालय (भारत सरकार) के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा जारी की जाने वाली मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के आधार पर स्कूलों/संस्थानों को फिर से खोलने के लिए स्वास्थ्य/सुरक्षा संबंधी सावधानियों के संबंध में राज्य/केंद्र शासित प्रदेश स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए अपनी-अपनी एसओपी तैयार करेंगे.