जयपुर| राजस्थान में पेपर लीक केस एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. सचिन पायलट के अल्टीमेटम पर गहलोत सरकार की ओर से तो अभी तक कार्रवाई नहीं हुई, लेकिन प्रवर्तन निदेशालय ने की टीमों ने पेपर लीक घोटाले में सोमवार को राजस्थान में आरपीएसपी मेंबर और पेपर माफियाओं के ठिकाने समेत 28 स्थानों पर छापेमारी की.
ईडी की इस कार्रवाई से सूबे की सियासत गरमा गई. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ईडी की कार्रवाई पर कई सवाल खड़े कर दिए. वहीं बीजेपी ने ईडी की कार्रवाई को जायज ठहराया है. उसने कहा कि बड़े मगरमच्छों को बचाया जा रहा है लेकिन वे ईडी की कार्रवाई में वे पकड़े जाएंगे. चाहे मंत्री हो या सीएमओ के अफसर.
प्रवर्तन निदेशालय की एक टीम ने सोमवार को डूंगरपुर में राजस्थान लोकसेवा आयोग के सदस्य बाबूलाल कटारा के घर पर दूसरी ने अजमेर में कटारा के सरकारी आवास तथा दफ्तर पर छापा मारा. तीसरी टीम ने बाड़मेर में पेपर माफिया भजनलाल विश्नोई के घर तो चौथी टीम ने जयपुर में पेपर माफिया सुरेश ढाका के घर पर छापेमारी की.
तीनों राजस्थान में शिक्षक भर्ती परीक्षा में पेपर लीक के मास्टर माइंड हैं. कटारा और भजनलाल तो गिरफ्तार हो गए लेकिन ढाका अभी तक फरार है.
राजस्थान में पिछले दिसंबर में शिक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन आरपीएसपी ने किया था. आयोग के सदस्य कटारा ने ही एक पेपर माफिया शेर सिंह को इसका पेपर बेच दिया था. उससे पहले थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा यानी रीट का पेपर भी इन पेपर माफियाओं ने बेचा था.
प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को राजस्थान में पेपर माफियाओं के 28 ठिकानों पर छापेमारी की. अभी भी सर्च जारी है. विपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि कि ये पेपर लूट घोटाला है. ईडी के बाद इनकम टैक्स भी आएगा.