आज बात होगी महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की, जो धन शोधन मामले में बुरी तरह फंसते नज़र आ रहे है. क्योंकि मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनके खिलाफ धन शोधन रोकथाम कानून के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज किया है.
आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को इस बारे में पूरी जानकारी देते हुए बताया कि देशमुख के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) की धाराओं के तहत यह मामला दर्ज किया गया है.
अधिकारी ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय अब देशमुख और अन्य लोगों को पूछताछ के लिए तलब कर सकता है. बंबई उच्च न्यायालय के आदेश पर नियमित मामला दर्ज कर सीबीआई द्वारा की गई आरंभिक जांच के बाद ईडी ने यह मामला दर्ज किया है. बंबई उच्च न्यायालय ने मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए घूस के आरोपों की जांच करने को कहा था.
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को 20 मार्च को लिखे पत्र में मुंबई के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह ने राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. सिंह ने मुंबई के पुलिस आयुक्त पद से हटाकर राज्य होम गार्ड्स का महानिदेशक नियुक्त करने के बाद मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था.
सिंह ने आरोप लगाया था कि राकांपा नेता देशमुख ने कुछ पुलिस अधिकारियों को मुंबई के बार व रेस्तरां से 100 करोड़ रुपये प्रत्येक माह इकट्ठा करने का लक्ष्य दिया था.
दूसरी ओर, देशमुख ने अपने खिलाफ लगे आरोपों से इनकार किया और पांच अप्रैल को तब इस्तीफा दे दिया था जब बंबई हाईकोर्ट ने सीबीआई को भ्रष्टाचार के आरोपों में उनके खिलाफ शुरुआती जांच करने का निर्देश दिया था.
सीबीआई ने बाद में देशमुख के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की और उनके मुंबई एवं नागपुर के परिसरों पर तलाशी ली. देशमुख ने हाल में प्राथमिकी रद्द कराने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया था, लेकिन वहां से भी उन्हें निराशा मिली. उन्होंने आरोप लगाया है कि यह प्राथमिकी पक्षपातपूर्ण, संदिग्ध और गुप्त मंशा से उन लोगों के कहने पर दर्ज की गई है जो उनके खिलाफ राजनीतिक या अन्य प्रतिशोध की भावना रखते हैं.