अगर आप ने बनाई है केदारनाथ यात्रा की योजना, तो पढ़े ये खबर…

अगर आप केदारनाथ धाम यात्रा का मन बना रहे है तो यह खबर आप के काम की है. केदारनाथ यात्रा के इच्छुकों की गलतफ​हमियां और भ्रामक सूचनाओं का निदान करते हुए प्रशासन ने साफ तौर पर कहा कि अगर अभी कोई यात्री केदारनाथ यात्रा की योजना बना रहा है, तो 15 अक्टूबर तक के लिए न बनाए क्योंकि इस तारीख तक यात्रियों के ई पास की बुकिंग पूरी हो चुकी है.

रुद्रप्रयाग के कलेक्ट्रेट में मीडिया से बातचीत करते हुए ज़िलाधिकारी मनुज गोयल ने साफ तौर पर कहा कि भ्रामक सूचनाओं के जाल में न फंसें और अगर आपके पास फिलहाल ई पास नहीं है, तो यात्रा के लिए न आएं.

गोयल ने यह स्पष्ट किया कि केदारनाथ धाम के अलावा अन्य पर्यटन स्थलों पर जाने के लिए ई पास की बाध्यता नहीं है, लेकिन धाम में दर्शन के लिए देवस्थानम बोर्ड द्वारा जारी ई पास का होना अनिवार्य है.

उन्होंने दोहराया चूंकि एक दिन में केदारनाथ में 800 श्रद्धालुओं को ही प्रवेश दिया जा सकता है इसलिए ई पास के बगैर यात्रा का जोखिम न उठाएं. इधर, एसपी आयुष अग्रवाल के हवाले से खबरों में कहा गया कि अब तक 2500 तीर्थयात्रियों को ई पास न होने के कारण धाम से लौटाया जा चुका है. एसपी के अनुसार भी देवस्थानम के पोर्टल पर 15 अक्तूबर तक ई-पास की बुकिंग पूरी हो चुकी है.

बद्रीनाथ के लिए बुकिंग पहले ही हो चुकी है फुल
चार धाम यात्रा शुरू होने के साथ ही जो गाइडलाइन जारी की गई थी, उसके मुताबिक सभी धामों में एक दिन में अधिकतम भक्तों के प्रवेश की सीमा तय की गई थी. इसके अनुसार सबसे ज़्यादा 1000 श्रद्धालु प्रतिदिन बद्रीनाथ धाम में दर्शन कर सकते हैं.

एक हफ्ते पहले आई खबरों में कहा गया था कि 15 अक्टूबर तक के लिए बद्रीनाथ दर्शन वाली ई पास बुकिंग फुल हो चुकी थी. अब केदारनाथ के लिए भी बुकिंग फुल हो चुकी है और इधर श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाए जाने को लेकर विवाद और अनुरोध चल रहे हैं.

हेली सेवा की उम्मीद लेकिन या​त्री संख्या पर हंगामा
एक तरफ, केदारनाथ में हेलीकॉप्टर सेवा शुरू करने के लिए गुरुवार को डीजीसीए की टीम ने व्यवस्थाओं, संभावनाओं और सुविधाओं आदि का जायज़ा लिया, तो वहीं चार धाम में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाए जाने को लेकर हंगामा खड़ा हुआ है. 17 सितंबर से शुरू हुई चार धाम यात्रा को सीमित लोगों के लिए खोले जाने के बाद से हज़ारों तीर्थयात्रियों को ई पास न होने और अन्य गाइडलाइनों का पालन न करने के कारण प्रवेश नहीं मिल सका.

इधर, उत्तराखंड सरकार ने हाई कोर्ट से यात्रियों की संख्या बढ़ाने की याचिका दायर करने की बात कही है, तो वहीं, कांग्रेस ने श्रद्धालुओं को हो रही परेशानियों के लिए राज्य सरकार पर अक्षम होने का आरोप लगाया.

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