तमिलनाडु में 234 सीटों पर एक चरण में 6 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. इसके लिए अब भाजपा पूरी तरह एक्टिव मूड में आ गई है. बंगाल चुनाव रैली के बाद पीएम मोदी ने तमिलनाडु में डेरा डाल रखा है. पिछले 24 घंटों में पीएम मोदी ने तमिलनाडु में ताबड़तोड़ जनसभाएं कर डाली. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार देर शाम तमिलनाडु में विश्व प्रसिद्ध मदुरै के सुन्दरेश्वरर मंदिर पहुंचे.
यहां पर प्रधानमंत्री मोदी ने पूजा-अर्चना की. इस दौरान मोदी वहां की पारंपरिक वेशभूषा (तमिल धोती पहनकर माथे पर तिलक की छाप लगाकर) तमिल की जनता को लुभाने की कोशिश की. यहां पीएम मोदी ने दर्शन कर सियासी तौर पर बड़ा संदेश देने की कवायद की है. बता दें कि तमिलनाडु की संस्कृति का सबसे बड़ा प्रतीक मदुरै का मीनाक्षी मंदिर ही है, जिसकी दीवारों पर युगों से लेकर सदियों तक का इतिहास उकेरा गया है.
इस मंदिर को लेकर तमिलनाडु की जनता में बहुत ही गहरी आस्था जुड़ी हुई है. शुक्रवार को प्रधानमंत्री ने काफी आक्रामक अंदाज में तमिलनाडु में दो चुनावी जनसभाएं की. पहलेेे ‘पीएम मोदी ने मंदिरों के शहर मदुरै में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मदुरै दुनिया की सबसे पुरानी भाषा है. तमिल के साथ निकटता से जुड़ी हुई है. यहां, एक तमिल संगम के बारे में सोचता है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं तमिल संस्कृति और साहित्य को अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए काम करने वाले सभी लोगों की सराहना करना चाहता हूंं’. उसके बाद पीएम मोदी ने कन्याकुमारी में भी एक चुनावी रैली की. गौरतलब हैैै कि भाजपा ने पिछले दिनों जारी किए गए अपने घोषणापत्र में तमिलनाडु के प्रचीन मंदिरों को संत-महात्माओं को सौंपने का वादा किया है.
बीजेपी ने इस मेनिफेस्टो में कहा है कि अगर राज्य की सत्ता में वो आती है, तो सभी प्राचीन मंदिरों को संत-महात्माओं को सौंप दी जाएगी, राज्य सरकार उनका प्रबंधन नहीं करेगी बल्कि संत समाज करेगा. तमिलनाडु में मंदिर की जिम्मेदारी की मांग लंबे समय से संत समाज करता रहा है, जिसे बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में शामिल कर उन्हें साधने की कवायद की है.
प्रचीन मंदिरों को संत-महात्माओं को सौंपने का वादा और पीएम मोदी के मीनाक्षी मंदिर में दर्शन और पूजन के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. अब देखना होगा भाजपा का तमिलनाडु में यह मंदिर दांव चुनावों में कितना सफल हो पाता है.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार