नेशनल हेराल्ड मामला: भेजा था समन, लेकिन ईडी के सामने आज पेश नहीं होंगी सोनिया गांधी

पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय ने नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को समन भेजा था. ‌समन में दोनों नेताओं को 8 जून बुधवार को पेश होने के लिए कहा गया था. हालांकि राहुल गांधी ने विदेश में होने की वजह से तय समय पर पेश होने के लिए असमर्थता जताई थी.

वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी नेशनल हेराल्ड मामले में आज ईडी के सामने पेश नहीं होंगी. सोनिया गांधी की ओर से मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय से और समय मांगा गया है क्योंकि वे कोरोना वायरस से संक्रमित हैं.

वे अब तक स्वस्थ नहीं हुई हैं. बताया गया है कि सोनिया गांधी बीते गुरुवार को कोरोना वायरस से संक्रमित हुई थीं और उनकी ताजा रिपोर्ट निगेटिव नहीं आई है.

वहीं दूसरी ओर राहुल गांधी ने प्रवर्तन निदेशालय के सामने अपील की थी कि उन्हें 5 जून के बाद पेशी के लिए बुलाया जाए क्योंकि वह इस वक्त देश के बाहर हैं.

उनकी अपील मंजूर करते हुए ईडी ने उन्हें अब 13 जून को पेश होने के लिए समन जारी किया है. अब राहुल गांधी 13 जून को ईडी के सामने पेश हो सकते हैं.

बता दें कि भाजपा नेता और वरिष्ठ वकील सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में ट्रायल कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि कुछ कांग्रेसी नेताओं ने गलत तरीके से यंग इंडियन लिमिटेड (वाईआईएल) के जरिए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड का अधिग्रहण किया है.

उन्होंने आरोप लगाया था कि यह सब कुछ दिल्ली में बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपये की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि साजिश के तहत यंग इंडियन लिमिटेड को टीजेएल की संपत्ति का अधिकार दिया गया है.

साल 1938 में पंडित नेहरू समेत कई कांग्रेस के नेताओं ने बनाई थी यह कंपनी
आजादी से पहले साल 1938 में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कई कांग्रेस नेताओं के साथ एक कंपनी बनाई थी. इस कंपनी का नाम ‘एसोसिएट जनरल लिमिटेड’ रखा गया. इसी कंपनी की ओर से उस समय प्रसिद्ध अखबार नेशनल हेराल्ड प्रकाशित होता था.

अखबार प्रकाशित होने की वजह से इस कंपनी को कई शहरों में सस्ते दामों पर सरकारों से जमीनें मिली. आरोप ये है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने एक ऐसी कंपनी बनाई, जिसका मकसद कारोबार करना नहीं था. बल्कि वो इस कम्पनी के जरिए एसोसिएट जनरल लिमिटेड (एजेएल) को खरीदकर उसकी 2 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति को अपने नाम पर करना चाहते थे. वर्ष 2011 में ऐसा ही हुआ.

उस समय सोनिया गांधी और राहुल गांधी की कंपनी यंग इंडिया लिमिटेड ने एजेएल को टेकओवर कर लिया. इस तरह केवल 50 लाख रुपये चुकाकर सोनिया गांधी और राहुल गांधी 2 हजार करोड़ रुपये की संपति के मालिक बन बैठे. इसी मामले की जांच को लेकर भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कोर्ट में याचिका दायर की थी.

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