गुरुवार को बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अपने विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा को पद से हटा दिया है. इसके साथ ही लालजी वर्मा और राम अचल राजभर को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते पार्टी से भी निष्कासित कर दिया गया है.
इनकी जगह पर आजमगढ़ के मुबारकपुर से विधायक शाह आलम को विधानमंडल दल का नेता बनाया गया है. जानकारी के मुताबिक, इन दोनों नेताओं पर पंचायत चुनाव के दौरान पार्टी के खिलाफ कार्य करने का आरोप है. इसके बाद अब मायावती ने अपने पार्टी के दो बड़े चेहरों पर कार्रवाई की है.
इससे पहले पार्टी ने राजबहादुर,आरके चौधरी,शाकिर अली,जंगबहादुर पटेल,बरखू राम वर्मा,सोने लाल पटेल,रामलखन वर्मा, भगवत पाल,राजाराम पाल,राम खेलावन पासी, कालीचरण सोनकर,इंद्रजीत सरोज,स्वामी प्रसाद मौर्य,बाबू सिंह कुशवाहा,बृजेश पाठक और नसीमुद्दीन सिद्दीकी को भी बाहर का रास्ता दिखा है.
लालजी वर्मा को मायावती का करीबी माना जाता है. उनकी पत्नी भी राजनीति के क्षेत्र में सक्रिय रह चुकी हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी के अवधेश कुमार को हराया था. राम अचल राजभर ने अपने राजनैतिर सफर की शुरुआत बसपा से की थी. 2007 में बसपा की सरकार बनने के बाद उन्हें परिवहन मंत्री बनाया गया था.
सूत्रों की मानें तो पिछले कई दिनों से बसपा के इन दोनों नेताओं की मुलाकात सपा के नेताओं से हो रही थी. दोनों सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की कोशिश में भी थे. बताया जाता है कि इन दोनों नेताओं ने पंचायत चुनाव के दौरान अपनी पार्टी के उम्मीदवारों की जगह दूसरी पार्टी को समर्थन दिया था. इस वजह से पार्टी में लालजी वर्मा और राम अचल राजभर को लेकर काफी नाराजगी थी.