कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ जारी जंग में दो वैक्सीन को मिलाने का क्या असर होगा और क्या यह कोरोना वायरस के अलग-अलग वैरिएंट्स से लड़ने में इम्युनिटी को और मजबूत बनाता है, यह सवाल लोगों के जेहन में बार-बार आ रहा है. खास तौर पर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद की उस रिपोर्ट के बाद इसे लेकर दिलचस्पी बढ़ी है कि दो वैक्सीन को मिलाने के नतीजे बेहतर आए हैं.
ICMR के इस अध्ययन के बाद ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने भी दो वैक्सीन को मिलाने को लेकर अध्ययन की मंजूरी दी है. इसके तहत कोवैक्सीन और कोविशील्ड के डोज को मिलाकर देखा जाएगा कि यह कितना सुरक्षित व प्रभावी होता है और कोरोना वायरस संक्रमण से लड़ने में यह इम्युनिटी को कितनी मजबूती देता है.
ICMR ने एक अध्ययन ने उत्तर प्रदेश में गलती से 18 लोगों को वैक्सीन की दो अलग-अलग डोज में कोविशील्ड और कोवैक्सीन दिए जाने को लेकर अध्ययन किया था, जिसके आधार पर कहा गया कि यह न केवल सुरक्षित है, बल्कि ऐसे लोगों में इम्युनोजेनेसिटी प्रोफाइल भी उन लोगों के मुकाबले बेहतर पाई गई है, जिन्होंने केवल कोविशील्ड या कोवैक्सीन की ही पहली और दूसरी डोज भी ली थी.
यहां उल्लेखनीय है कि देश में इस वक्त आधिकारिक तौर पर अभी एक ही वैक्सीन की दो अलग-अलग डोज दी जा रही है. यानी अगर किसी को कोवैक्सीन की पहली डोज लगी है तो उसे दूसरी डोज भी कोवैक्सीन की ही लगेगी. वहीं, अगर किसी ने कोविशील्ड की पहली डोज ली है तो उसे दूसरी डोज भी कोविशील्ड की ही लगेगी. देश में इस वक्त कोविशील्ड और कोवैक्सीन के साथ-साथ रूसी वैक्सीन स्पूतनिक भी लोगों को दी जा रही है.