दिल्ली मेट्रो की पिंक लाइन जो मजलिस पार्क से शिव विहार जाती है उस पर आज से ड्राइवरलेस मेट्रो की सेवा शुरू हो गयी है. ड्राइवरलेस मेट्रो सेवा से ट्रेन के परिचालन में गलतियों की आशंका कम रहती है, हालांकि अभी शुरुआती दिनों में ट्रेन ऑपरेटर यात्रियों में आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए मौजूद रहेंगे.
केंद्रीय आवासीय और शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी और दिल्ली सरकार में यातायात मंत्री कैलाश गहलोत ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से इस सेवा को हरी झंडी दिखाई.
पिंक लाइन 59 किलोमीटर लंबी है. इस लाइन पर ड्राइवरलेस सेवा शुरू होते ही दिल्ली मेट्रो का ‘स्वचालित नेटवर्क’ बढ़कर 97 किलोमीटर का हो गया है. डीएमआरसी का ड्राइवरलेस मेट्रो नेटवर्क दुनिया का चौथा सबसे बड़ा और देश का इकलौता नेटवर्क है.
इससे पहले 2020 में दिल्ली मेट्रो की मैजेंटा लाइन पर ड्राइवरलेस ट्रेन ऑपरेशन शुरू किया गया था. डीएमआरसी के चौथे चरण पूरा होने के बाद कब एयरोसिटी-तुगलकाबाद सिल्वर लाइन पर भी ड्राइवरलेस ट्रेन की सेवा शुरू होगी. जिसके बाद 160 किलोमीटर लंबी ड्राइवरलेस ऑपेरशन कॉरिडोर के साथ दिल्ली मेट्रो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा डीटीओ नेटवर्क बन जाएगा.
ड्राइवरलेस ट्रेन ऑपरेशन के ये हैं फायदे-
1.ड्राइवरलेस ऑपरेशन से ट्रेन चलाने में लचीलापन आएगा. इंसानी दखल कम होगा जिससे गलतियां कम होंगी.
2.कोच की संख्या बढ़ाने में मदद मिलेगी.
3.ड्राइवरलेस ट्रेन इंडक्शन से पहले की गई चेकिंग की मैन्युअल प्रक्रिया खत्म हो जाएगी.
4. ट्रेन डिपो में पार्किंग अपने आप हो जाएगी.
5.अब मेट्रो कोच का रखरखाव तय समय पर आधारित न रहकर कभी भी हो सकेगा. यानी जब भी मेंटेनेंस की जरूरत होगी. जिससे ट्रेनों का मेंटेनेंस डाउन टाइम भी घट जाएगा.
पिंक लाइन के ड्राइवरलेस होने से यात्रियों को रिंग रोड के नजदीकी स्टेशनों से स्चालित मेट्रो में सफर का मौका मिलने लगेगा. आपको बता दें कि डीएमआरसी का नेटवर्क वर्तमान में 286 स्टेशनों के साथ करीब 391 किलोमीटर तक फैला हुआ है.