नई दिल्ली| रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ी उपलब्धि हासिल की है. रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में देश की प्रतिष्ठित सरकारी संस्था ने स्क्रैमजेट प्रपल्सन सिस्टम के इस्तेमाल से हाइपरसोनिक टेक्नॉलजी डिमॉन्स्ट्रेटर वीइकल (HSTDV) की टेस्टिंग की. खास बात यह है कि स्क्रैमजेट प्रपल्सन सिस्टम को देश में ही विकसित किया गया है.
डीआरडीओ ने इस मिशन को ऐतिहासिक करार दिया है. संस्था ने ट्वीट कर कहा कि इस मिशन के साथ ही यह साबित हो गया है कि डीआरडीओ बेहद पेचीदा तकनीक के क्षेत्र में उम्दा प्रदर्शन कर सकता है. उसने कहा, ‘यह औद्योगिक जगत के साथ अगली पीढ़ी के हाइपरसोनिक वाहनों के निर्माण का रास्ता खोलने वाला है.’ डीआरडीओ ने यह परीक्षण ओडिशा के वीलर आइलैंड स्थित डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम लॉन्च कंप्लेक्स से किया.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि पर बधाई दी है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैं पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत की आकांक्षा को साकार करने की दिशा में इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए डीआरडीओ को बधाई देता हूं.’
राजनाथ ने ट्विटर पर बताया कि उन्होंने इस प्रॉजेक्ट से जुड़े वैज्ञानिकों से बात की और उन्हें बधाई दी. रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत को उन सभी वैज्ञानिकों पर गर्व है. उन्होंने बताया कि इस सफलता के बाद सभी महत्वपूर्ण टेक्नॉलजी अगले चरण में पहुंच जाएगी.