डीआरडीओ ने किया एसएफडीआर मिसाइल का सफल परीक्षण, 100-200 किमी है मारक क्षमता

Must read

- Advertisement -
- Advertisement -
- Advertisement -
- Advertisement -

शुक्रवार को डीआरडीओ ने ओडिशा के चांदीपुर मे अंतरिम टीट रेंज से सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट(एसएफडीआर) मिसाइल का सफल परीक्षण किया. ये मिसाइल भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित एक मिसाइल प्रणादेन तकनीक है. डीआरडीओ अधिकारियों ने बताया कि ग्राउंड बूस्टर मोटर समेत सभी सब सिस्टम उम्मीदों पर खरे उतरे और उन्होंने बेहतर प्रदर्शन किया. 

यह मिसाइल भारत की सर्फेस टू एयर और एयर टू एयर दोनों ही मिसाइलों को बेहतर प्रदर्शन करने और उनकी स्ट्राइक रेंज को बढ़ाने में मदद करेगा. अधिकारियों ने बताया कि परीक्षण के दौरान, कई नई तकनीकियां साबित हुईं. इसमें सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट तकनीकी भी शामिल है.

क्या होती है रैमजेट तकनीक?
रैमजेट वायु स्वास्थ जेट इंजन का एक रूप होता है. ये घुर्णन कंप्रेस के बिना आने वाली हवा को कम प्रेस करने के लिए वाहन की आगे की गति का उपयोग करता है. एक रैमजेट संचालित वाहन को एक रॉकेट की तरह ही एक सहायक टेक ऑफ की जरूरत होती है. ये वाहन को उस गति तक ले जाने में सहायक होता है, जहां से इसमें जोर पैदा होना शुरू होता है. इस मिसाइल की मारक क्षमता 100-200 किमी है. 


- Advertisement -
- Advertisement -spot_img

More articles

Latest article