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देश के तीन बड़े डॉक्टरों ने बताया, कोरोना को कैसे दें मात, रेमडेसिविर ‘रामबाण’ नहीं

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देश के तीन बड़े डॉक्टरों ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए लोगों को सलाह दी है. ये तीन बड़े डॉक्टर हैं एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया , नारायणा हेल्थ के चेयरमैन डॉ. देवी शेट्टी और मेदांता के चेयरमैन नरेश त्रेहान.

तीनों डॉक्टरों ने एक साथ आकर आम लोगों को बताया है कि कोरोना का इलाज कैसे करें. अगर आपको कोरोना डिटेक्ट होता है तो क्या कदम उठाएं. साथ ही रेमडेसिविर सहित अन्य दवाओ के प्रभाव पर भी बात की गई है.

कोरोना की दूसरी लहर के बीच रेमडेसिविर दवा को लेकर चारों तरफ अफरातफरी मची हुई है. इस पर एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि ये कोई जादुई दवा नहीं है. वहीं मेदांता के चेयरमैन नरेश त्रेहान ने कहा कि ये कोई ‘रामबाण’ नहीं है. ये दवा सिर्फ जरूरतमंद बीमार लोगों में वायरल लोड को कम करती है.

डॉ. देवी शेट्टी ने कहा है कि अगर किसी के शरीर में ऑक्सीजन लेवल 94 प्रतिशत से ऊपर है तो कोई समस्या की बात नहीं है. लेकिन अगर ऑक्सीजन स्तर इससे नीचे है तो आपको डॉक्टर की आवश्यकता है. ये जरूरी है कि आपको सही समय पर सही इलाज मिले.

अगर आपमें कोई लक्षण नहीं है तो डॉक्टर आपको घर पर रहने की ही सलाह देंगे. और हर 6 घंटे पर ऑक्सीजन लेवल चेक करने की हिदायत दी जाएगी. डॉ. शेट्टी ने यह भी कहा कि अगर किसी व्यक्ति में शरीर दर्द, सर्दी, खांसी, जुकाम, अपच, उल्टियों के लक्षण हैं तो उन्हें टेस्ट कराना चाहिए. ये सबसे जरूरी चीज है.

वहीं नरेश त्रेहान ने कहा कि आज हमारे पास पर्याप्त ऑक्सीजन है बस शर्त ये है कि इसका इस्तेमाल सही तरीके से किया जाए. मैं लोगों से कहना चाहता हूं कि अगर आपको ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं है तो इसे सिर्फ सुरक्षा के लिहाज से न इस्तेमाल करें. बर्बादी की वजह से जरूरतमंद लोगों को ऑक्सीजन नहीं मिल पाएगी.

वहीं रेमडेसिविर को लेकर एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि केवल कुछ प्रतिशत लोगों को ही इसकी आवश्यकता है. कोरोना से संक्रमित करीब 85 फीसदी लोग बिना किसी विशेष इलाज के ठीक हो रहे हैं. ज्यादातर लोगों में सामान्य लक्षण ही आ रहे हैं.


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