उत्तराखंड में स्थित चार धामों के कपाट शीतकालीन के लिए बंद होने शुरू हो गए. सबसे पहले शुक्रवार (5 नवम्बर) गोवर्धन पूजा के दिन गंगोत्री धाम के कपाट बंद हुए. कल यानी शनिवार को बाबा केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद किए जाएंगे.
विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट बंद किए जाने के अवसर पर शुक्रवार की सुबह आठ बजकर तीस मिनट पर मां गंगा के मुकुट को उतारा गया. इसके बाद श्रद्धालुओं ने निर्वाण के दर्शन किए.
इस बीच श्रद्धालुओं ने मां के भोग मूर्ति के दर्शन किए. इस दौरान तीर्थ पुरोहितों ने विशेष पूजा व गंगा लहरी का पाठ किया. डोली में सवार होकर गंगा की भोगमूर्ति जैसे ही मंदिर परिसर से बाहर निकली तो पूरा माहौल भक्तिमय हो उठा. वेद मंत्रों के साथ मां गंगा की मूर्ति का महाभिषेक किया गया.
उसके बाद विधिवत हवन पूजा-अर्चना के साथ दोपहर 11 बजकर 45 मिनट पर अमृत बेला पर कपाट बंद किए गए, जिसके बाद गंगा की डोली लेकर तीर्थ पुरोहित मुखवा के लिए प्रस्थान हुए. इस दौरान सैकड़ों श्रद्धालु गंगा की डोली मां गंगा के जयकारे लगा रहे थे.
कपाट बंद होने के बाद अब देश-विदेश के श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास मुखीमठ (मुखवा) में कर सकेंगे. जो कि मां गंगा का मायका है. बता दें कि शनिवार 6 नवंबर को यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज के अवसर पर दोपहर 12.30 बजे बंद होंगे.
यमुनोत्री धाम में कपाट बंद होने की तैयारियां शुरू हो गई है. मंदिर में सजावट और पूजा अर्चना को लेकर तैयारियां की जा रही है. शनिवार को ही केदारनाथ के कपाट भी बंद किए जाएंगे. बाबा केदार की डोली शनिवार को अपने शीतकाल प्रवास के लिए रवाना होगी. 20 नवंबर को बद्रीनाथ मंदिर के कपाट बंद होंगे. इस तरह से चारों धामों के कपाट बंद हो जाएंगे.