शनिवार सुबह सात बजे चतुर्थ केदार रुद्रनाथ के कपाट विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए. देर शाम को भगवान रुद्रनाथ गोपेश्वर के गोपीनाथ मंदिर में विराजमान हो गए.
चमोली जिले में समुद्रतल से 11808 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है चतुर्थ केदार रुद्रनाथ धाम.
इस दौरान भक्तों ने भगवान रुद्रनाथ को नए अनाज का भोग लगाया और परिवार की कुशलता की कामना की. ऐसा पहली बार हुआ है जब डोली को रात्रि विश्राम न कराकर एक ही दिन में सीधे गोपीनाथ मंदिर लाकर विराजमान किया गया है.
शनिवार को रुद्रनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के बाद सुबह सात बजे पंडित महादेव प्रसाद भट्ट के नेतृत्व में रुद्रनाथ जी की उत्सव डोली पंचगंगा, पित्रधार, पनार बुग्याल, ल्वींटी बुग्याल होते हुए सगर गांव पहुंची. यहां ग्रामीणों ने अपने आराध्य देवता को भोग लगाया और पूजा-अर्चना की.
रुद्रनाथ मंदिर समिति के सदस्य देवेंद्र सिंह बिष्ट, सतेंद्र सिंह, महेंद्र सिंह रावत और माइकल ने बताया कि गत वर्षों तक रुद्रनाथ की डोली कपाट बंद होने के पहले दिन रात्रि प्रवास के लिए ल्वींठी बुग्याल तक पहुंचती थी, लेकिन इस बार डोली को सीधे गोपीनाथ मंदिर लाया गया है.
इस मौके पर बीकेटीसी के पूर्व अध्यक्ष अनसूया प्रसाद भट्ट, प्रयाग दत्त भट्ट, अरविंद भट्ट, हरीश भट्ट, प्रेम बल्लभ भट्ट, बदरी प्रसाद, मयंक आदि मौजूद थे.