गुरुवार को एक सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ जिसमें चार महिला डॉक्टर डांस करते हुए दिख रहीं हैं. इस वीडियो की यूजर्स सराहना कर रहे हैं. यह महिला चिकित्सक किस खुशी में डांस कर रही थी उसके बारे में चर्चा करेंगे लेकिन पहले कोरोना काल में डॉक्टरों की ड्यूटी और सेवाभाव के बारे में भी जान लिया जाए. महामारी के दौरान सबसे ज्यादा ‘चुनौती’ अगर किसी की रही है तो वह डॉक्टरों की है.
अस्पतालों में लगातार मरीजों के उपचार और लंबी लंबी ड्यूटी के दौरान उन्हें पिछले एक वर्ष से ‘थका’ दिया है. इसके साथ कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करने के दौरान कई डॉक्टरों ने अपनी जान भी गंवा दी. लेकिन फिर भी अपनी ड्यूटी और फर्ज से पीछे नहीं हटे.
जबकि सबसे अहम बात यह है कि ‘कोविड-19 ने साल 2020 की शुरुआत में जब पैर पसारने शुरू किए थे तब देश और दुनिया के चिकित्सक इस महामारी के इलाज को लेकर ‘असमंजस’ में थे, वैसे उस समय इस वायरस को रोकने के लिए कोई दवा या वैक्सीन भी नहीं मौजूद थी, लेकिन इसके बावजूद अस्पतालों में भर्ती संक्रमित मरीजों के उपचार करने के लिए डॉक्टर जुट गए’.
चिकित्सकों के अस्पतालों में कई घंटों तक ‘पीपीई किट’ को पहनकर मरीजों का इलाज करना आसान नहीं है, अपने घरों और परिजनों से कई दिनों तक दूरी भी इन्हें परेशान करती रही. लेकिन फिर भी मरीजों की जान बचाने के लिए डॉक्टर हमेशा मजबूती के साथ खड़े रहे.
आखिरकार इस वायरस से निपटने के लिए भारत समेत तमाम देशों ने ‘वैक्सीन’ बना डाली. उसके बाद भी इस साल शुरू हुई कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने देश के स्वास्थ्य कर्मियों के साथ डॉक्टरों की जिम्मेदारी और बढ़ा दी. इस बार कोरोना के नए ‘वैरीएंट’ से निपटने के लिए डॉक्टरों ने एक बार फिर कमर कस ली. अस्पतालों में भर्ती संक्रमित मरीजों के उपचार करने के लिए महिला-पुरुष डॉक्टर जुटे हुए हैं.
अब पिछले दस दिनों से देश में कोरोना केस कम होने पर केंद्र, राज्य सरकारों और देशवासियों के साथ डॉक्टर भी राहत महसूस कर रहे हैं. सबसे अधिक महाराष्ट्र में हालात बेकाबू हुए.
कभी न थकने न कभी सोने वाला मुंबई शहर की स्थिति ‘भयावह’ हो गई. अब महाराष्ट्र धीरे-धीरे इस महामारी से उभर रहा है. ऐसे में अस्पतालों में ड्यूटी कर रही महिला डॉक्टरों ने भी काफी लंबे समय के बाद ‘राहत’ महसूस की है. अब बात करते हैं महाराष्ट्र के पिछड़े जनपद बीड की.
पिछले कुछ दिनों से कोरोना के केसों में गिरावट दर्ज की गई है. यह सरकारों और डॉक्टर्स के लिए किसी बड़ी जीत से कम नहीं है. एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इसमें कोविड के केस कम होने के चलते महिला डॉक्टर्स मिलकर डांस कर रहीं हैं.
बता दें कि बीड जिले के अंबाजोगाई के स्वामी रामानंद तीर्थ अस्पताल की इन महिला डॉक्टरों के डांस ने सबका दिल जीत लिया. इन महिला डॉक्टरों को 18 घंटे की नौकरी करनी पड़ती है. डॉक्टरों की वजह से मेहनत और सावधानी से किए गए इलाज और देखभाल के चलते लाखों मरीज ठीक होकर घर भी लौट रहे है.