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खत्म नहीं हुआ मतभेद: मोदी और ममता में फिर नहीं दिखा ‘सौहार्द्र’, दोनों की सियासी लड़ाई में पिसती बंगाल की जनता

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बंगाल में चुनाव हो गए. जनता की चुनी हुई टीएमसी की सरकार बन गई और ममता बनर्जी मुख्यमंत्री हो गईं . लेकिन भाजपा और टीएमसी के बीच शुरू हुआ यह ‘सियासी युद्ध’ अभी तक थमने का नाम नहीं ले रहा है. अगर बंगाल की बात करें तो राज्यपाल जगदीप धनखड़ और ममता सरकार के बीच ‘घमासान’ जारी है.

पिछले कुछ दिनों से राज्यपाल धनखड़ बंगाल के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में दौरे को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नाराज चल रही हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि देश इस समय कोविड-19 के खतरनाक दौर से गुजर रहा है . ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारों को आपस में ‘तालमेल’ बैठाना होगा.

सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल और केंद्र सरकार के बीच ‘मतभेद’ खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं. अगर दोनों सरकारों के बीच इसी तरह ‘झगड़ा लंबा’ चलता रहा तो सीधा इसका असर बंगाल की जनता पर ही पड़ेगा . आज प्रधानमंत्री की कोरोना महामारी को लेकर कलेक्टरों के साथ वर्चुअल रैली में उम्मीद थी कि मोदी और ममता के बीच ‘सौहार्द्रपूर्ण’ बातचीत दिखाई देगी. लेकिन आज फिर एक बार ‘टकराव’ की स्थिति बन गई.

सही मायने में आज प्रधानमंत्री की डिजिटल रैली में मोदी और ममता की लड़ाई और बढ़ गई. मुख्यमंत्री ममता ने बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्व न दिए जाने का आरोप लगाकर अपनी ‘भड़ास’ निकाली . जिससे एक बार फिर भाजपा और टीएमसी आमने-सामने आ गई .

बता दें कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज झारखंड, महाराष्ट्र, केरल, राजस्थान, ओडिशा, हरियाणा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और पुडुचेरी के मुख्यमंत्रियों के साथ इन राज्यों के 54 कलेक्टरों के साथ बैठक की. इस बैठक के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हुईं लेकिन उनके राज्य का कोई कलेक्टर (डीएम) शामिल नहीं हुए . बैठक के बाद दीदी ‘नाराज’ हो गईं.

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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