बिहार चुनाव की स्थिति अंतत: स्पष्ट हो चुकी हैं और राज्य की सत्ता पर एक बार फिर नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए काबिज हो गई है. एनडीए को जहां 125 सीटें मिली हैं वहीं महागठबंधन 110 सीटों पर जीत हासिल कर सका.
चिराग पासवान की लोकजनशक्ति पार्टी के खाते में एक सीट गई है जबकि अन्य के खाते में 7 सीटें गई हैं. चुनाव के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है, वहीं नई सरकार बनने से बीजेपी और जेडीयू में जश्न भी मनाया जा रहा है.
इन सबके बीच दिग्वजिय सिंह बोले- ‘भाजपा/संघ अमरबेल के समान हैं, जिस पेड़ पर लिपट जाती है वह पेड़ सूख जाता है और वह पनप जाती है. नितीश जी, लालू जी ने आपके साथ संघर्ष किया है आंदोलनों मे जेल गए है भाजपा/संघ की विचारधारा को छोड़ कर तेजस्वी को आशीर्वाद दे दीजिए.
इस “अमरबेल” रूपी भाजपा/संघ को बिहार में मत पनपाओ. नितीश जी, बिहार आपके लिए छोटा हो गया है, आप भारत की राजनीति में आ जाएँ.
सभी समाजवादी धर्मनिरपेक्ष विचारधारा में विश्वास रखने वाले लोगों को एकमत करने में मदद करते हुए संघ की अंग्रेजों के द्वारा पनपाई “फूट डालो और राज करो” की नीति ना पनपने दें.
विचार ज़रूर करें. यही महात्मा गॉंधी जी व जयप्रकाश नारायण जी के प्रति सही श्रद्धांजलि होगी. आप उन्हीं की विरासत से निकले राजनेता हैं वहीं आ जाइए.
आपको याद दिलाना चाहूँगा जनता पार्टी संघ की Dual Membership के आधार पर ही टूटी थी. भाजपा/संघ को छोड़िए. देश को बर्बादी से बचाइए.’