उत्तराखण्ड में स्वास्थ्य सेवाओं के विकास एवं विस्तार के लिये एक नयी योजना अस्तित्व में आ गयी है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ० धन सिंह रावत की उपस्थिति में निःशुल्क पैथोलॉ जांच योजना का शुभारम्भ करते हुए इसे राज्य की जनता को समर्पित किया. देहरादून के जिला चिकित्सालय (कोरोनेशन) अस्पताल) में आयोजित शुभारम्भ कार्यक्रम की अध्यक्षता राजपुर विधायक खजान दास द्वारा की गयी.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस निःशुल्क जांच योजना का लाभ समाज के अन्तिम छोर पर खड़े लोगों तक पहुंचेगा. अभी तक धन के अभाव में जो लोग अपनी जांच नहीं करा पाते थे, अब उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी. राज्य सरकार का प्रयास है कि जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं की मजबूती पर राज्य सरकार का विशेष ध्यान है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में ते से सुधार हुआ है. राज्य में 72 प्रतिशत लोगों को कोविड वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है, जबकि 23 प्रतिशत लोगों को दूसरी डोज लग चुकी है. दिसम्बर तक राज्य में शत प्रतिशत कोविड टीकाकरण किया जायेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले सात सालों में केन्द्र सरकार से उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में मदद मिली है. सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का एजेण्डा रहा है. इस माह केन्द्र से राज्य को काविड की 17 लाख वैक्सीन मिली. अगले माह से और अधिक वैक्सीन केन्द्र से मिलेंगी.
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में निःशुल्क जांच योजना की अच्छी शुरूआत हुई. इस योजना का लाभ सभी को मिलेगा. इस योजना के प्रसार के लिए हर जिले में बड़े आयोजन किये जायेंगे. अटल उत्तराखण्ड आयुष्मान योजना के तहत सभी परिवारों को 05 लाख रूपये तक का निःशुल्क उपचार दिया जा रहा है. इसस योजना के तहत अभी तक 03 लाख 17 हजार से अधिक लोगों का मुफ्त ईलाज हो चुका है.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सहयोग से राज्य के प्रमुख जिला / उप जिला चिकित्सालयों तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर चरणबद्ध तरीके से निःशुल्क जांच योजना आज से लागू हो गयी है. इस योजना के लागू होने से मरीजों को उपचार के दौरान डायग्नोस्टिक एवं जांच संबंधित सुविधाएं निःशुल्क उपलब्ध होगी. यह योजना पूरे वर्ष भर 24ग्7 कार्यशील रहेगी, ताकि आई०पी०डी० ओ०पी०डी० एवं इमरजेन्सी में आने वाले मरीजों को पैथोलॉ जांच के लिए किसी प्रकार की असुविधा उत्पन्न न हो.
योजना के प्रथम चरण में निःशुल्क जांच की सुविधा राज्य के 06 जनपदों क्रमशः अल्मोड़ा, टिहरी, देहरादून, नैनीताल, हरिद्वार एवं ऊधमसिंहनगर में स्थित 38 जिला उप जिला चिकित्सालय तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर चरणबद्ध तरीके से लागू की जा रही है. द्वितीय चरण में राज्य के शेष जनपदों के 32 चिकित्सा इकाईयों पर यह सुविधा चरणबद्ध तरीके से लागू होगीं.
योजना का क्रियान्वयन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा लोक नि सहभागिता के अनुसार होगा. निःशुल्क जांच योजना के अन्तर्गत 207 प्रकार की पैथोलॉजिकल जांच को सम्मिलित किया गया है, जिसके लागू होने से सरकारी अस्पतालों में पैथोलॉ सुविधाओं का सुदृढीकरण होगा.
सेवा प्रदाता के साथ किए गए अनुबंध के अनुसार लैब / प्रयोगशाला हब मॉडल के अनुसार कार्य करेगी, जिसे कलेक्शन सेंटर एंड टेस्टिंग सेंटर या स्पोक कलेक्शन सेंटर मॉडल अनुरूप क्रियान्वित किया जायेगा. लैब द्वारा की जाने वाली समस्त जांचों एवं वहां पर कार्य करने वाले तकनीशियन / पैथोलॉजिस्ट एवं अन्य मानव संसाधन के संबंध में एन०ए०बी०एल० गाईडलाईन / एस0ओ0पी0 का अनुपालन करना आवश्यक किया गया है.
पैथोलॉ सैम्पल जांच रिपोर्ट के संबंध में आन्तरिक एवं बाह्य गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सेवा प्रदाता द्वारा स्टैंडर्ड डायग्नोस्टिक प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित किया जायेगा. इसके अतिरिक्त यह लैब समुदाय हेतु प्राइमरी डायग्नोस्टिक टेस्ट की उपलब्धता भी सुनिश्चित करेगी.
वित्तीय वर्ष 2021-22 के अन्तर्गत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा इस योजना को संचालित करने के लिए रू० 5 करोड़ का बजट प्राविधान किया गया है. मिशन द्वारा अनुबंधित फर्म के स्तर से लगभग 500 मानव संसाधन का रोजगार सृजन होगा, जिन्हें सेवा प्रदाता की ओर से नियुक्त किया जा रहा है. इस योजना के लागू होने से उपचार के दौरान मरीजों के अतिरिक्त जेब खर्च में कटौती होगी और जन सामान्य को स्वास्थ्य उपचार लेने में सहायता होगी.