पिछले दिनों देश की शीर्ष अदालत ने राज्य सरकारों को कोरोना महामारी के दौरान जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को 50 हजार रुपये देने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का कई राज्य सरकारों ने पालन करना शुरू कर दिया है.
वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड सरकार ने भी कोरोना से मृतक के परिजनों को मुआवजा देने का एलान किया है. उत्तराखंड की धामी सरकार मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता के रूप में 50 हजार की धनराशि देगी.
इसके लिए शासन स्तर पर सभी औपारिकताएं पूरी कर ली गई है. साथ ही सभी जिलाधिकारियों को मुआवजा राशि बांटने की जिम्मेदारी सौंप दी गई है. कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखंड राज्य सरकार कोरोना से जान गंवाने वाले व्यक्ति के परिवार को 50 हजार का मुआवजा देगी.
मृतक उत्तराखंड का राज्य का मूल निवासी हो या फिर राज्य में किसी भी कार्य से निवासरत हो, जिससे पीड़ित परिवार विपरीत परिस्थितियों में अपना भरण-पोषण कर सके.
मंत्री धन सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत राज्य आपदा मोचन निधि के मापदंडों के तहत मृतक के विधिक वारिस को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी. इस प्रकार मिलेगा मुआवजा.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि संबंधित परिवार मृत्यु प्रमाण पत्र सहित दस्तावेजों के साथ राज्य प्राधिकरण द्वारा जारी एक फॉर्म के माध्यम से अपने दावे प्रस्तुत करेंगे. प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से दस्तावेज देने के 30 दिनों के भीतर सभी दावों का निपटारा किया जाएगा.
प्रमाणीकरण समिति दावों को खारिज करने का कारण स्पष्ट करेगी. भविष्य में भी महामारी की लहरों में होने वाली मौतों के लिए अनुग्रह राहत जारी रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये मुआवजा आवेदन जमा करने और मृत्यु के कारण को कोविड-19 के रूप में प्रमाणित होने के 30 दिनों के भीतर दिया जाए.
कोई भी राज्य इस आधार पर 50,000 रुपये के लाभ से इनकार नहीं करेगा कि मृत्यु प्रमाण पत्र में मृत्यु का कारण कोविड-19 नहीं है. जिला अधिकारियों को मौत के कारणों को ठीक करने के लिए उपचारात्मक कदम उठाने होंगे.