उत्तराखंड में सत्तारूढ़ बीजेपी की धामी सरकार किसी भी मुद्दे पर प्रदेश की जनता को ‘नाराज’ करना नहीं चाहती है. भू-कानून और देवस्थानम बोर्ड के मामले धामी सरकार के लिए जरूर ‘चिंता’ बढ़ा रहे हैं.
चारों धाम के पुरोहितों का दर्जन भर विधानसभा सीटों पर असर माना जाता है . ऐसे में भाजपा के लिए चुनावी साल में इस मसले को सुलझाना जरूरी है. यह दोनों मामले उत्तराखंड की राजनीति में पिछले कई महीनों से गर्माए हुए हैं .
कांग्रेस पार्टी दोनों मुद्दों को हवा दे रही है. मालूम हो कि बीजेपी की त्रिवेंद्र रावत सरकार ने चारों धामों के लिए देवस्थानम बोर्ड बनाया था, जिसका पहले ही दिन से स्थानीय लोग और पुरोहित विरोध कर रहे हैं.
ऐसे में मानसून सत्र को लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने अपने अपने मुद्दों को लेकर रणनीति तैयार कर ली है. सत्ताधारी बीजेपी जहां विकास कार्यों के लिए जरूरी बजट और जरूरी विधेयकों को सदन में रखने की प्लानिंग में जुटी है. वहीं कांग्रेस देवस्थानम बोर्ड और भू-कानून को लेकर सरकार की मुश्किल खड़ी कर रही है.