बिहार एक ऐसा राज्य है जो अपने देसी अंदाज को लेकर पूरे विश्व में प्रसिद्ध है.
यहां के तीज-त्यौहार और यहां की राजनीति में जमीनी हकीकत देखने को आज भी मिलती है.
‘बिहार का रहन-सहन और बोलने का अंदाज ग्रामीण परिवेश पर आधारित माना जाता है.
कई हिंदी सिनेमा में आपने देखा होगा बिहार का ठेठ अंदाज दिखाया जाता है’.
लोकसभा या विधानसभा चुनावों में यहां की राजनीति सिर चढ़कर बोलती है .
‘चुनावी रैलियों के दौरान नेताओं का बोलने का अंदाज पूरे देश भर में बता देता है कि बिहार में चुनाव की शुरुआत हो चुकी है’.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले 15 दिनों से एक के बाद एक बिहार में सौगातों की छड़ी लगाए जा रहे थे, यहां तक की अधिकांश राजनीति दलों ने इस संकट काल में भी चुनाव टालने की बात नहीं कही.
‘कई दिनों से बिहार की जनता के साथ कई राजनीतिक दल के नेता भी चुनाव की तारीखों के एलान को लेकर उतावले थे’.
आखिरकार आज निर्वाचन आयोग ने नेताओं को बिहार में राजनीति करनेे का अवसर दे दिया.