लाल किले पर तैनात एसएचओ ने सुनाई आपबीती, ‘ये गुंडे नहीं अपने लोग थे, इसलिए हमने संयम बरता’

दिल्ली के लाल किले पर उपद्रवियों की ओर से मचाए गए उत्पात एवं हिंसा की तस्वीरें और वीडियो आने शुरू हो गए हैं. इस उपद्रव ने देश को हतप्रभ और आहत किया है. गणतंत्र दिवस के दिन लाल किले की गरिमा को ठेस पहुंचाते हुए उपद्रवियों ने वहां अपना झंडा फहराया और वहां की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों पर हमले किए.

दिल्ली पुलिस के जवानों ने उन्हें समझाने-बुझाने की कोशिश की लेकिन उन्होंने उनकी बात नहीं मानी. प्रदर्शनकारियों के हमले में पुलिस के कई जवान गंभीर रूप से घायल हुए हैं. इन्हीं मे से एक हैं वजीराबाद के एसएचओ पीसी यादव. यादव ने टाइम्स नाउ के साथ खास बातचीत में बताया कि कैसे उपद्रवियों ने उन पर और उनके साथियों पर हमला किया.

यादव ने कहा, ‘हमारी तैनाती लाल किले के ऊपर थी. प्रदर्शनकारी लाल किले का दरवाजा खोलकर अंदर घुसे और ऊपर पहुंच गए. यह देखकर हम लोग नीचे उतरकर आए और उन्हें प्यार से समझाने की कोशिश करने लगे. प्रदर्शकारी काफी उग्र थे और वे हमारी बात सुनने के लिए तैयार नहीं थे. उनके पास भाले, तलवारें और फरसे थे.

हमारा मानना था कि ये लोग अपने लोग हैं, कोई गुंडे या गैंगस्टर नहीं हैं. हम नहीं चाहते थे कि इन्हें किसी तरह की चोट लगे. इसलिए हमने काफी संयम बरता. नीचे उतरने पर लोगों ने हथियारों से हम पर हमला कर दिया. इन लोगों ने लाठियों, डंडे और तलवारों से हमें मारना-पीटना शुरू किया.

हमारे एक साथी के सिर पर गंभीर चोट लगी. उसे अस्पताल ले जाने के लिए जब मैं बाहर निकला तो इन लोगों ने हमें बाहर भी घेर लिया. तलवार लगने से मेरा हेमलेट टूट गया. हमारी तरफ से बल का प्रयोग हो सकता था लेकिन इससे लोगों को ज्यादा नुकसान पहुंच सकता था लेकिन हमने संयम बरतते हुए बल का प्रयोग नहीं किया.’

एसएचओ पीसी यादव को गर्दन, हाथ और सिर में चोटें आई हैं.




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