दिल्ली पुलिस ने जंतर मंतर हेट स्पीच केस में चार्जशीट फाइल कर दी है. चार्जशीट में अश्विनी उपाध्याय का नाम नहीं है, सूत्रों के अनुसार हेट स्पीच उनकी तरफ से नहीं दिया गया था.सवाल यह है कि आखिर जंतर मंतर पर क्या हुआ था. दरअसल भारत छोड़ो आंदोलन के संबंध में अश्विनी उपाध्याय अपने समर्थकों के साथ जंतर मंतर पर इकट्ठा हुए थे.
समान नागरिक संहिता के साथ साथ अलग विषयों पर अपनी बात रख रहे थे. उस दौरान कुछ भड़काऊ नारे लगाए गए जिसके लिए अश्विनी उपाध्याय के संगठन को जिम्मेदार बताया गया. दिल्ली पुलिस भी इस मामले में तत्काल हरकत में आई और साफ किया कि जो भी लोग दोषी होंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
अश्विनी उपाध्याय ने कहा था कि भड़काऊ नारों से उनका लेना देना नहीं है, वो भारत छोड़ों आंदोलन की 79वीं वर्षगांठ पर एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे. उन्होंने जो बातें कहीं वो लगातार अलग अलग फोरम पर कहते आए हैं. लिहाजा उससे इतर कुछ बोलने का सवाल ही नहीं पैदा होता है. जहां तक उनकी मौजूदगी में नारे लगाए जाने का मामला है वो भी पूरी तरह गलत है.
उन्होंने यह भी कहा था कि कार्यक्रम सेव इंडिया फाउंडेशन का था. वो भी एक सामान्य नागरिक की हैसियत से गए थे. सबसे बड़ी बात यह है कि जब पुलिस ने रोका तो वो वहां से चले भी गए थे. जहां तक वीडियो की बात है तो उसकी सत्यता की जांच हो और जो कोई भी दोषी पाया जाए उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. उस केस में बीजेपी के पूर्व प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय समेत 6 लोगों को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था.