नई दिल्ली| दिल्ली पुलिस का कहना है कि 26 जनवरी की हिंसा पूर्व नियोजित थी. 26 जनवरी को कुछ लोग निहित स्वार्थ के लिए उत्पात कर सकते हैं इस संबंध में किसानों को जानकारी दी गई थी. दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर प्रवीर रंजन ने कहा कि जिन 308 ट्विटर हैंडल को रडार पर रखा गया था उससे पता चला कि कुछ लोग अपने फायदे के लिए 26 जनवरी को हिंसा को अंजाम दे सकते हैं. इस संबंध में किसान संगठनों को तफसील से जानकारी भी दी गई थी. लिहाजा यह कहना की किसी भी संगठन को जानकारी नहीं थी वो तथ्य से परे है.
बता दें कि 26 जनवरी को किसान संगठन दिल्ली के आउटर रिंग रोड पर ट्रैक्टर परेड निकाले जाने की जिद पर अड़े थे. दिल्ली पुलिस ने कई चक्र की वार्ता के बाद सिंघु बार्डर, गाजीपुर बार्डर और टीकरी बार्डर से दिल्ली की सीमा में कुछ खास रूट का प्लान दिया और इस संबंध में किसान संगठनों मे एनओसी पर हस्ताक्षर किए.
लेकिन 26 जनवरी को जिस तरह से आईटीओ और लालकिले पर उत्पात मचा उसके बाद हर कोई सन्न था. उस घटना के बाद एनओसी देने वाले किसान संगठनों के नेताओं के खिलाफ केस भी दर्ज किया गया. यह बात अलग है कि किसान संगठनों का कहना है कि दिल्ली पुलिस की तरफ से उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि 26 जनवरी को हिंसा की साजिश रची गई थी.
ग्रेटा थनबर्ग के बारे में दिल्ली पुलिस का कहना है हमने एफआईआर में किसी का नाम नहीं लिया है, यह केवल टूलकिट के रचनाकारों के खिलाफ है जो जांच का विषय है और दिल्ली पुलिस उस मामले की जांच करेगी. 124 A IPC के तहत भारत सरकार के खिलाफ असंतोष फैलाने के साथ साथ देशद्रोह, सामाजिक / सांस्कृतिक / धार्मिक आधार पर विभिन्न समुदायों के बीच घृणा को बढ़ावा देना, आपराधिक साजिश की धारा जोड़ी गई है.