आज बात करेंगे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की. बुधवार को केजरीवाल से जुड़ी दो खबरें सामने आईं. पहली खबर उनके लिए ‘राहत’ भरी रही तो दूसरी उन्होंने स्कूली बच्चों के चेहरों पर ‘मुस्कान’ ला दी. शुरुआत करते हैं बच्चों से जुड़ी खबर से. केजरीवाल के ‘दिल्ली मॉडल’ में सरकारी स्कूलों की भी गिनती होती है. अपने यहां के सरकारी स्कूलों को आम आदमी पार्टी गुजरात, यूपी और उत्तराखंड समेत अन्य राज्यों की सरकारों को ‘चैलेंज’ करती रही है.
इसी कड़ी में आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों को ‘विदेशी टीचरों’ से पढ़ाने के लिए एक समझौता किया है. दिल्ली एजुकेशन बोर्ड के तहत आने वाले स्कूलों के बच्चों को अब अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा मिलेगी. सीएम केजरीवाल ने कहा कि ये दिल्ली के लोगों के लिए ‘ऐतिहासिक’ दिन है. अब दिल्ली के बच्चों की शिक्षा अंतरराष्ट्रीय स्तर की होगी. केजरीवाल ने कहा कि कुछ महीने पहले हमने दिल्ली का अपना शिक्षा बोर्ड बनाया था.
तब सभी को लगा था कि जैसे हर प्रदेश का अपना एक एजुकेशन बोर्ड होता है दिल्ली का भी वैसा ही होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. ‘मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली शिक्षा बोर्ड के साथ अंतरराष्ट्रीय शिक्षा बोर्ड का समझौता हुआ है, अब दिल्ली शिक्षा बोर्ड के तहत जितने स्कूल आएंगे उन सभी स्कूल के बच्चों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा मिलेगी’. उन्होंने कहा कि दिल्लीवासियों के लिए बेहद खुशी की बात है.
हमारे बच्चों को अब दिल्ली में इंटरनेशनल लेवल की शिक्षा मिलेगी. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हमारे देश में दो तरह की शिक्षा प्रणाली है. एक अमीरों के बच्चों के लिए और दूसरी गरीबों के बच्चों के लिए. जिनके पास पैसा है वे अपने बच्चों को प्राइवेट और जिनके पास नहीं है, वे अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ने के लिए भेजते हैं.
केजरीवाल ने कहा कि इस करार के बाद, दिल्ली के गरीब बच्चों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा मिलेगी. केजरीवाल ने बताया कि विदेशों से एक्सपर्ट आएंगे, जो कि स्कूलों के टीचर्स की ट्रेनिंग करवाएंगे. बच्चों का असेसमेंट कैसे होगा, यह इंटरनेशनल बोर्ड तय करेगा.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार