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1984 सिख दंगा मामला: सज्जन कुमार की बढ़ी मुश्किल, कोर्ट ने तय किए दंगा, हत्या- डकैती आदि के आरोप

पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार

1984 सिख दंगा मामले में उम्रकैद के सजायाफ्ता दिल्ली के पूर्व सांसद और पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने उन पर आरोप तय करने के लिए कहा है. 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान दिल्ली के राज नगर में 2 सिखों की हत्या के मामले में कोर्ट ने पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार के खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं के तहत दंगा, हत्या, डकैती आदि के आरोप तय किए हैं. औपचारिक रूप से आरोप तय करने के लिए यह मामला 16 दिसंबर को सूचीबद्ध है.

सज्जन कुमार को 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में पालम कॉलोनी के राज नगर पार्ट-1 इलाके में पांच सिखों की हत्या और राज नगर पार्ट-2 में एक गुरुद्वारा जलाने के मामले में निचली अदालत द्वारा 2013 में कुमार को बरी किए जाने के फैसले को पलट दिया गया था. साल 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के दौरान देशभर में सिखों के खिलाफ हिंसा भड़की थी.

दो नवंबर 1984 को हुए हत्याकांड मामले में दिल्ली पुलिस ने 1991 में प्राथमिकी दर्ज की थी लेकिन कोई सबूत न होने के कारण इस मामले में 1993 में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की गई थी. जिसके बाद अदालत ने इसे खारिज कर दिया था. 1984 के सिख-विरोधी दंगे भारतीय सिखों के विरुद्ध दंगे थे जो इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए थे.

दरअसल साल 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या उन्हीं के बॉडीगार्ड ने कर दी थी जो कि सिख थे. सरकार का कहना है कि दिल्ली में इस दंगे के दौरान लगभग 2,800 सिख मारे गए और देश भर में 3,350 सिख मारे गए थे, जबकि स्वतंत्र स्रोतों का अनुमान है कि देश भर में मरने वालों की संख्या लगभग 8,000–17,000 थी. दंगों की सुनवाई करते हुए 17 दिसंबर 2018 को दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया था जिसमें सज्जन कुमार को उम्रकैद और अन्य आरोपियों को 10-10 साल की सजा सुनाई गई.

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