आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 5 वर्षों से गुजरात में अपनी पार्टी की ‘सियासी जमीन’ तलाशने के लिए सक्रिय हैं. जब-जब उन्हें दिल्ली से फुर्सत मिलती है तब वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात पहुंच जाते हैं. 2017 के राज्य में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान केजरीवाल ने सूरत समेत कई जिलों में दौरे किए थे . उस दौरान ‘मुख्यमंत्री केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी के गुजरात मॉडल पर भी सवाल खड़े किए’.
पिछले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने चुनाव में 33 उम्मीदवार भी उतारे थे हालांकि एक भी सीट पार्टी जीत नहीं पाई थी. लेकिन फिर भी केजरीवाल ने इस राज्य को लेकर अपनी सक्रियता बनाए रखी. इसी वर्ष फरवरी महीने में हुए नगर निकाय चुनाव में सूरत आम आदमी पार्टी के लिए ‘भाग्यशाली’ रहा. यहां नगर पालिका की 120 में से 27 सीटें जीतने के बाद उत्साहित हुए केजरीवाल ने दो दिन बाद ही सूरत का दौरा किया.
इस दौरान उन्होंने शहर में एक बाकायदा रोड शो निकालकर अपनी पार्टी कार्यकर्ताओं को गुजरात विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयारी में जुट जाने के लिए कहा था. दिल्ली में कोरोना के मामले कम होने के बाद केजरीवाल आज सुबह गुजरात की राजधानी अहमदाबाद पहुंचे.
अपने गुजरात दौरे से पहले रविवार को अरविंद केजरीवाल ने ‘गुजराती भाषा’ में ट्वीट किया . इसमें उन्होंने लिखा कि ’राज्य में अब बदलाव होगा, मैं गुजरात आ रहा हूं और राज्य के लोगों से मिलूंगा’. कुछ समय पहले बंगाल में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनावी रैली करने जाते थे तब ‘बांग्ला भाषा’ में एक ट्वीट करते थे. वैसे ही केजरीवाल ने गुजरात की जनता को लुभाने के लिए गुजराती भाषा में ट्वीट किया.
अब आम आदमी पार्टी ने अगले वर्ष नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान ‘पाटीदार समाज पर नया सियासी दांव खेला है’. बता दें कि गुजरात में भी विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां बढ़ने लगी हैं. राज्य में सियासी जमीन तैयार करने की हर कोशिश में आम आदमी पार्टी अभी से जुट गई है. ‘गुजरात में पाटीदार एकता के नारे के साथ गुजरात का अगला मुख्यमंत्री पाटीदार को बनाने की घोषणा के बाद से हलचल तेज हो गई है’. इसी के तहत दिल्ली के केजरीवाल ने गुजरात यात्रा की.
इसके तहत वह पाटीदार समाज को साधने के लिए हार्दिक पटेल को अपना ‘चुनावी चेहरा’ बनाने के लिए आम आदमी पार्टी भी सक्रिय हो गई है . उल्लेखनीय है कि हार्दिक इस समाज के युवाओं में लोकप्रिय नेता माने जाते हैं. हार्दिक पटेल मौजूदा समय में गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हैंं, लेकिन पिछले कुछ समय से हार्दिक कांग्रेस में अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं . ऐसे में पटेल की आम आदमी पार्टी में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई है. अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी लंबे समय से गुजरात में बीजेपी और कांग्रेस के विकल्प के तौर पर खुद को पेश करती रही है.
गुजरात में पाटीदार बहुसंख्यक समाज माना जाता है . राज्य सभी चुनावों में इनकी भूमिका हमेशा सेे महत्वपूर्ण रही है . अगले साल 2022 के नवंबर महीने में गुजरात में विधानसभा चुनाव होने हैं. 182 सदस्यों वाली विधानसभा में भाजपा का पिछले 20 सालों से कब्जा है. प्रदेश में मुख्य तौर पर बीजेपी और कांग्रेस दो ही मुख्य दल सक्रिय हैं. ऐसे में आम आदमी पार्टी प्रदेश में ‘नई ताकत’ बनकर उभरने की तैयारी में है. ‘चुनाव में अपने पैर जमाने के लिए अरविंद केजरीवाल ने पाटीदार समाज से मुख्यमंत्री बनाने के लिए नया सियासी दांव खेला है’.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार