गुरुवार को मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में राज्य गंगा समिति की बैठक आयोजित हुयी. मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गंगा समितियों में स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए बनाए जाने वाले स्थानीय सामुदायिक समूहों ऐसे लोगों को जोड़ा जाए जो इस कार्य में दिल से रूचि लेते हैं. उन्होंने कहा कि जिला गंगा समितियों की बैठकें निर्धारित समयसीमा में अवश्य करा ली जाएं.
मुख्य सचिव ने कहा कि सोशल ऑडिट और थर्ड पार्टी से योजनाओं का मूल्यांकन के लिए मैकेनिज्म तैयार करें. उन्होंने प्रदेश में गंगा के किनारे बसे क्षेत्रों में प्राकृतिक और जैविक खेती पर अधिक से अधिक फोकस किया जाए. उन्होंने कहा कि एसटीपी से उपचारित जल को खेती के लिए पुनः प्रयोग किया जाए, विशेषकर मैदानी क्षेत्रों में योजनाओं को इस प्रकार से डिजाईन किया जाए कि उपचारित जल को पुनः प्रयोग हो सके.
उन्होंने कहा कि योजना के तहत् आजीविका सृजन कार्यक्रम को ग्राम्य विकास विभाग द्वारा संचालित हाऊस ऑफ हिमालयाज से जोड़ा जाए, इससे योजना को बढ़ाने में तेजी आएगी. उन्होंने कहा कि कला, संस्कृति और पर्यटन के क्षेत्र में स्कूल, कॉलेज और स्थानीय लोगों को अनिवार्य रूप से जोड़ा जाए.
मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों से योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही समस्याओं को साझा करने के साथ ही सुझाव भी मांगे. कहा कि किसी भी योजना में फंडिंग की समस्या आ रही है तो मिसिंग लिंक में प्रस्ताव भेजे जाएं. एक हफ्तें में फंडिंग की जाएगी. योजनाओं की प्रत्येक स्तर की टाईमलाईन निर्धारित की जाए. उन्होंने वन विभाग को वन क्षेत्र में सड़कों के किनारे जमा होने वाले कचरे को साफ करने के लिए लगातार अभियान चलाकर साफ किए जाने के भी निर्देश दिए.
परियोजना निदेशक नमामि गंगे रणवीर सिंह चौहान ने बताया कि नमामि गंगे के तहत् प्रदेश में निर्मल गंगा, अविरल गंगा, जन गंगा, ज्ञान गंगा और अर्थ गंगा के क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि योजना के तहत् 62 एसटीपी तैयार किए जाने हैं, जिसमें से 42 पूर्ण हो गए हैं, और 20 पर कार्य गतिमान है. गंगा और उसकी सहायक नदियों के किनारे स्थित ग्राम सभाओं के ग्राम प्रधानों को जिला गंगा समिति द्वारा नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. योजना में आईईसी गतिविधियों के तहत् गंगा को पुनर्जीवन से सम्बन्धित कार्यकलापों का लगातार प्रचार प्रसार किया जा रहा है.
इस अवसर पर वन विभाग से प्रोजेक्ट निदेशक नमामि गंगे मनोज चंद्रन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं जनपदों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारी उपस्थित थे.