देहरादून| जी-20 राष्ट्रों की शिखर बैठक की मेजबानी का अवसर देहरादून को भी मिल सकता है. दरअसल, जी-20 राष्ट्रों के शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता दिसंबर 2022 से एक साल के लिए भारत के पास रहेगी. इस अवधि में जी-20 की 180 से 190 बैठकें देश के विभिन्न शहरों में होंगी. इनमें देहरादून का नाम भी शामिल है.
बैठक के लिए जरूरी व्यवस्थाओं का आकलन करने के लिए विदेश मंत्रालय के अधिकारियों का एक दल गुरुवार को देहरादून पहुंचा. उन्होंने क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी विजय शंकर पांडे के समन्वय में जिलाधिकारी डा आर. राजेश कुमार और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जन्मेजय खंडूड़ी के साथ बैठक कर इस मुद्दे पर विमर्श किया.
बीजापुर राज्य अतिथि गृह में आयोजित बैठक में विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि जी-20 राष्ट्रों की बैठक में 40 देशों और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भाग लेंगे. इस लिहाज से बैठक के लिए चयनित शहरों में उच्च स्तरीय बैठकों व रहने के लिए उपयुक्त स्थलों की कमी नहीं होनी चाहिए.
इसके लिए विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने जिला प्रशासन से देहरादून के साथ ही प्रदेश के अन्य शहरों की स्थिति, विशेषता आदि के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त की. यह भी पूछा कि बैठकों के दौरान विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों को प्रदेश के किन हिस्सों में भ्रमण कराया जा सकता है और किस क्षेत्र की क्या विशेषता है.
जिलाधिकारी आर. राजेश कुमार ने बताया कि देहरादून में तमाम ऐतिहासिक संस्थान और स्मारक हैं. राज्य सांस्कृतिक व आध्यात्मिक दोनों लिहाज से समृद्ध है. बैठक के बाद विदेश मंत्रालय के दल ने मसूरी रोड स्थित एक होटल का निरीक्षण भी किया.
जी-20 विश्व की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं का एक संगठन है. इसमें 19 देश शामिल हैं और 20वां सदस्य यूरोपीय संघ है. जी-20 साल में एक बार शिखर सम्मेलन का आयोजन करता है. इसमें विभिन्न राष्ट्रों के शीर्ष नेतृत्व (विशेषकर वित्त मंत्री) से लेकर केंद्रीय बैंकों के गवर्नर भी शिरकत करते हैं.
सम्मेलन में विशेष तौर पर आर्थिक मामलों पर चर्चा की जाती है. जी-20 को दुनिया के सर्वाधिक शक्तिशाली जी-7 देशों के विस्तार के रूप में भी देखा जाता है. वर्ष 1999 में जर्मनी के कोलोन में जी-7 (तब रूस के शामिल होने पर जी-8 था) की बैठक में एशिया के आर्थिक संकट पर चर्चा के बाद जी-20 का गठन किया गया.