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उत्तराखंड: देहरादून का एयरपोर्ट अब नए रंग-रूप में आएगा नजर, चल रही तैयारी

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Photo Credit-AAI

भले ही पूरे विश्व में कोरोना ने दस्तक दे दी है और तमाम जगहों पर काम रुके हुए हैं, लेकिन विकास अभी भी तेजी से आगे बढ़ रहा है.

इसकी जीता जागता उदाहरण है देहरादून का एयरपोर्ट, जहां भविष्य की मांग को ध्यान में रखते हुए एयपोर्ट के अपग्रेडेशन का काम चल रहा है.

इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 353 करोड़ रुपये है, जिसके देहरादून एयरपोर्ट का मानो कायाकल्प किया जा रहा हो.

एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने कोरोना काल में भी विकास का पहिया रुकने नहीं दिया है.

इस प्रोजेक्ट के पहले चरण में डोमेस्टिक टर्मिनल बिल्डिंग के साथ-साथ यूटिलिटी ब्लॉक, कार की पार्किंग, सीवेज टर्मिनल प्लांट जैसी चीजें बनाई जाएंगी.

इतना ही नहीं, पानी बचाने की मुहिम पर भी काम किया जा रहा है. यहां बारिश के पानी को संरक्षित करने के लिए रेनवॉटर हार्वेस्टिंग प्लांट भी बनाया जाएगा.

यानी देहरादून एयरपोर्ट पर ना सिर्फ विकास हो रहा है, बल्कि जल संरक्षण भी हो रहा है.

इस नए एयरपोर्ट का कुल एरिया 42,776 स्क्वायर मीटर होगा, जिसमें करीब 1800 यात्री एक बार में मौजूद रह सकेंगे.

बता दें कि अभी इस एयरपोर्ट की क्षमता काफी कम थी, जिसे करीब 8 गुना बढ़ाया गया है, ताकि अधिक यात्री एयरपोर्ट की सुविधा उठा सकें.

वैसे भी, यह एयरपोर्ट भविष्य को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है तो इसकी क्षमता अधिक होना लाजमी भी है.

इस बिल्डिंग में अरावल लाउंज ग्राउंड फ्लोर पर होगा. साथ ही बिल्डिंग में 36 चेक इन काउंटर होंगे और साथ ही 4 एयरोब्रिज भी होंगे.

साथ ही बिल्डिंग में सेल्फ चेक-इन कियोस्क और इन लाइन बैगेज स्क्रीनिंग फैसिलिटी भी होगी.

साथ ही एयरपोर्ट पर 6465 स्क्वायर रिटेल स्पेस भी है, जिससे कि आसपास के युवाओं के लिए रोजगार पैदा हो सके और रेवेन्यू भी बढ़ सके.

इस एयरपोर्ट को कुछ इस तरह डिजाइन किया गया है कि यात्रियों को जगह-जगह पर उत्तराखंड का कल्चर देखने को मिले.

इस नई बिल्डिंग में ईको फ्रेंडली फीचर भी होंगे, जैसे रेनवॉटर हार्वेस्टिंग, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, सोलर पावर सिस्टम और अधिक से अधिक नेचुरल लाइट आ सके.

पहले चरण का करीब 80 फीसदी काम हो चुका है और अक्टूबर 2021 तक ये प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा.

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