ताजा हलचल

Farmer Protest: सरकार को किसानों के जवाब का इंतजार, राजनाथ सिंह को उम्मीद-जल्द खत्म होगा आंदोलन

0

नई दिल्ली| तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों का आंदोलन बुधार कोअपने 28वें दिन में प्रवेश कर गया. किसान तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग पर अड़े हैं जबकि सरकार अपना रुख नरम करने के लिए तैयार नहीं है.

दोनों पक्षों के अपने रुख पर कायम रहने से गतिरोध का हल निकलता नहीं दिख रहा है. इस बीच, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किसानों की प्रशंसा करते हुए कहा कि अन्नदाताओं ने देश को खाद्य सुरक्षा दी है लेकिन कुछ किसान कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. रक्षा मंत्री ने किसान आंदोलन के खत्म होने की उम्मीद जताई है.

राजनाथ सिंह ने कहा, ‘किसान दिवस के दिन मैं देश के किसानों को बधाई देता हूं. इन्होंने देश को खाद्य सुरक्षा प्रदान की है. कृषि कानूनों के खिलाफ कुछ किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार इनके साथ पूरी संवेदनशीलता के सात बातचीत कर रही है.

मुझे उम्मीद है कि किसान अपना आंदोलन शीघ्र समाप्त कर देंगे.’ आगामी 25 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऑनलाइन देश भर के किसानों को संबोधित करेंगे. खास बात है कि इस दिन किसानों के ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन का एक महीना हो जाएगा.

बुधवार को किसानों और सरकार के बीच अगली दौर की वार्ता पर कोई फैसला हो सकता है. सरकार ने वार्ता के लिए किसान संगठनों के पास प्रस्ताव भेजा है और इस बातचीत के लिए उसने किसानों से तिथि तय करने के लिए कहा है.

सरकार के साथ अगले दौर की वार्ता के लिए किसान बुधवार को कोई फैसला ले सकते हैं. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गत रविवार को बैठक के लिए किसानों को पत्र लिखा. किसान संगठनों के बीच मंगलवार को एक बैठक हुई जिसके बाद उन्होंने फैसला बुधवार के लिए टाल दिया.

तोमर ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश के दो और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की, जिन्होंने कानूनों के प्रति अपना समर्थन जताया. कृषि मंत्री ने दोनों समूहों से मुलाकात के बाद कहा, ‘विभिन्न किसान संगठनों के प्रतिनिधि यह बताने आए थे कि कानून अच्छे हैं और किसानों के हित में हैं.

वे सरकार से यह अनुरोध करने आये थे कि कानूनों में कोई संशोधन नहीं किया जाए.’ उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि वे (प्रदर्शनकारी किसान संघ) जल्द अपनी आंतरिक वार्ता पूरी करेंगे और सरकार के साथ बातचीत के लिए आगे आएंगे. हम सफलतापूर्वक समाधान निकाल सकेंगे.’

ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एआईटीयूसी) और उसके सहयोगी संगठनों ने कहा कि वे 23 दिसंबर को किसानों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए ‘दोपहर का भोजन’ छोड़ेंगे.

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version