देहरादून| करीब सात साल पहले एक हत्याकांड ने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया था. दिवाली की रात हुए इस हत्याकांड में एक व्यक्ति ने अपने ही परिवार के पांच लोगों को मौत के घाट उतार दिया था.
अपने ही परिवार के सदस्यों की बेरहमी से हत्या करने वाले आरोपी हरमीत सिंह को देहरादून के कोर्ट ने सोमवार को दोषी ठहरा दिया था. अब मंगलवार को कोर्ट ने हरमीत को फांसी की सजा सुनाई है. इस मामले में चश्मदीद गवाह हरमीत का नाबालिग भांजा था जिसे हरमीत ने छोड़ दिया था.
गौरतलब है कि देहरादून के आदर्शनगर में 24 अक्तूबर 2014 को दिवाली की रात हरमीत सिंह ने अपने पिता, सौतेली मां, सौतेली बहन और भांजी की चाकुओं से गोद कर हत्या कर दी थी. इस दौरान हरमीत की बहन गर्भवती थी और कोर्ट ने उसे गर्भ में पल रहे बच्चे की हत्या का भी दोषी करार दिया.
हत्या करने के बाद जब हरमीत सिंह को पुलिस ने पकड़ा तो उसने पागल होने का ढोंग किया. उसने कहा कि उस में आत्मा आती है और उसी के चलते उसने सभी का खून किया. उसने कहा कि यदि आत्मा फिर आई तो वो सभी को मार देगा. इसके बाद एम्स के डॉक्टरों ने उसकी मानसिक जांच की थी जिसमें वो पूरी तरह से ठीक मिला था.
जिसके बाद कोर्ट ने उसे दोषी माना. पुलिस ने बताया कि आरोपी हत्या कांड को पूरी तैयारी के साथ अंजाम दिया था और इसके लिए उसने पड़ाेस की तरफ खुलने वाली खिड़की को गद्दे से बंद कर दिया था जिससे किसी को पता न चल सके.
हरमीत ने ये हत्याएं संपत्ति के लालच में की थीं. उसे शक था कि उसके पिता पूरी संपत्ति उसकी सौतेली मां और बहन को दे देंगे. इसी के चलते उसने पिता सहित सभी लोगों को मारने की योजना बनाई और इसके लिए उसने चाकू में धार लगवाई व क्लोरोफॉर्म भी खरीदा था. ये सभी सामान पुलिस को मौके से बराम हुए थे.