कोच्चि| केरल सोना तस्करी मामले में आतंकी संपर्कों की जांच कर रही नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी ने कहा है कि उसे शक है कि इस मामले में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उसकी डी कंपनी का हाथ हो सकता है.
एजेंसी ने कहा कि सोने की तस्करी से मिलने वाले मुनाफे का इस्तेमाल राष्ट्रविरोधी गतिविधियों और आतंकी कामों में होने की संभावना संबंधी खुफिया जानकारी है.
एनआईए ने कहा कि मामले में जांच को आगे बढ़ाने के लिए 180 दिन तक सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में रखा जाना अत्यंत आवश्यक है. एजेंसी ने सभी आरोपियों की जमानत याचिकाओं का विरोध किया. एनआईए ने कहा है कि केस में आरोपी ने तंजानिया का कई बार दौरा किया है.
एनआईए की ओर से जानकारी दी गई है कि केरल सोना तस्करी मामले में आरोपी रमीस ने हिरासत में पूछताछ में खुलासा किया है कि उसने कई बार तंजानिया में हीरे का कारोबार करने की कोशिश की थी.
उसने एनआईए को यह भी बताया था कि उसने तंजानिया में सोना खनन का लाइसेंस भी प्राप्त करने का प्रयास किया था. उसने यह भी कबूला है कि उसने तंजानिया में सोना खरीदा और उसे यूएई में बेच दिया.
वहीं केरल सोना तस्करी मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तारी से बचने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव एम शिवशंकर ने बुधवार को हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर अग्रिम जमानत का अनुरोध किया.
शिवशंकर ने अपनी याचिका में कहा है कि एक जिम्मेदार सरकारी सेवक के रूप में उन्होंने अपराध की जांच में अधिकतम सहयोग किया है.