बेंगलुरु के चेन्नहल्ली स्थित जनसेवा विद्या केंद्र में चल रहे प्रतिनिधि सभा की बैठक के अंतिम दिन राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के नए सरकार्यवाह का चुनाव किया गया इसके मुताबिक अब संघ के नए सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले चुने गए हैं, उन्हें अगले तीन वर्षों के लिए चुना गया है वो वह वर्तमान सर कार्यवाह भैयाजी जोशी की जगह लेंगे.
दत्तात्रेय पहले सह सरकार्यवाह का दायित्व संभाल रहे थे. गौर हो कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में सरसंघचालक के बाद सरकार्यवाह का पद सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है.
आरएसएस के दूसरे प्रमुख पद के लिए जब चुनाव होता है तो चुनाव की प्रक्रिया में पूरी केंद्रीय कार्यकारिणी, क्षेत्र व प्रांत के संघचालक, कार्यवाह व प्रचारक और संघ की प्रतिज्ञा किए हुए सक्रिय स्वयंसेवकों की ओर से चुने गए प्रतिनिधि ही शामिल होते हैं.
इससे पूर्व सुरेश भय्याजी जोशी सरकार्यवाह थे बताते हैं कि साल 2018 के चुनाव में भय्याजी ने सरकार्यवाह के दायित्व से मुक्त करने का आग्रह किया था, लेकिन संघ ने उन्हें फिर से यह दायित्व देने का निर्णय लिया था. दत्तात्रेय होसबळे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रसिद्ध विचारक हैं.
1 दिसम्बर 1955 को कर्नाटक के शिमोगा जिले के सोराबा तालुक़ के इनका जन्म हुआ इन्होंने अंग्रेज़ी विषय से स्नातकोत्तर तक की शिक्षा ग्रहण की है.
दत्तात्रेय होसबळे 1968 में 13 वर्ष की अवस्था में संघ के स्वयंसेवक बने और 1972 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् से जुड़े. अगले 15 वर्षों तक ये परिषद् के संगठन महामंत्री रहे. ये सन् 1975-77 के जेपी आन्दोलन में भी सक्रिय थे और लगभग पौने दो वर्ष आपने ‘मीसा’ के अंतर्गत जेलयात्रा भी की. जेल में इन्होंने दो हस्तलिखित पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया.
सन् 1978 में नागपुर नगर सम्पर्क प्रमुख के रूप में विद्यार्थी परिषद् में पूर्णकालिक कार्यकर्ता हुए. विद्यार्थी परिषद् में आपने अनेक दायित्वों का निर्वहण करते हुए परिषद् के राष्ट्रीय संगठन-मंत्री के पद को सुशोभित किया. गुवाहाटी में युवा विकास केन्द्र के संचालन में इनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही. अंडमान निकोबार द्वीप समूह और पूर्वोत्तर भारत में विद्यार्थी परिषद् के कार्य-विस्तार का सम्पूर्ण श्रेय भी इनको है.
दत्तात्रेय होसबळे ने नेपाल, रूस, इंग्लैण्ड, फ्रांस और अमेरिका की यात्राएँ की हैं. सम्पूर्ण भारतवर्ष की असंख्य बार प्रदक्षिणा की है. अभी कुछ दिनों पूर्व नेपाल में आए भीषण भूकम्प के बाद संघ द्वारा भेजी गयी राहत-सामग्री और राहतदल के प्रमुख के नाते आप नेपाल गए थे और वहाँ कई दिनों तक सेवा-कार्य किया था.
वर्ष 2004 में ये संघ के अखिल भारतीय सह-बौद्धिक प्रमुख बनाए गये. तत्पश्चात् 2008 से सह-सरकार्यवाह के पद पर कार्यरत हैं. दत्तात्रेय होसबळे मातृभाषा कन्नड़ के अतिरिक्त अंग्रेज़ी, हिंदी, संस्कृत, तमिळ, मराठी, आदि अनेक भारतीय एवं विदेशी भाषाओं के मर्मज्ञ विद्वान हैं.