चुनाव आयोग ने 5 राज्यों में चुनाव की तारीखों का संभावित खाका तैयार किया है. सूत्रों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में 2 और राजस्थान, मध्य प्रदेश, मिजोरम और तेलंगाना में एक ही चरण में मतदान होने की संभावना है. बताया जा रहा है कि नवंबर और दिसंबर महीने में पांच राज्यों में मतदान अलग-अलग चरणों में होंगे. सूत्रों के मुताबिक 10 से 15 दिसंबर के बीच मतगणना की तारीख तय किए जाने की संभावना है.
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और दोनों चुनाव आयुक्तों की मुहर लगने के बाद चुनाव कार्यक्रम को अंतिम मंजूरी दी जाएगी और फिर इनकी घोषणा होगी. 5 राज्यों के चुनाव पर्यवेक्षकों के साथ आज चुनाव आयोग दिल्ली में बैठक कर रहा है. इसके बाद चुनाव आयोग जल्द ही चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा करेगा.
गौरतलब है कि मुख्य चुनाव आयुक्त ने राजीव कुमार पहले कह चुके हैं कि चुनाव आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें मतदान आम आदमी के लिये आसान बनाना और मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया गया है.
मुख्य आयुक्त ने यह भी कहा कि आयोग के समक्ष अनिवार्य मतदान का कोई प्रस्ताव नहीं है. संवाददाताओं से बातचीत में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को अखबारों में विज्ञापन देकर अपने आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में बताना होगा. इसके साथ ही राजनीतिक दलों को यह कारण भी बताना होगा कि पार्टी ने उसे उम्मीदवार के तौर पर क्यों चुना है.
उन्होंने जयपुर में बताया कि राजस्थान में पहली बार बुजुर्ग मतदाताओं के साथ-साथ 40 प्रतिशत विकलांगता वाले व्यक्तियों के लिए भी घर से वोट देने की सुविधा उपलब्ध होगी. अनिवार्य मतदान के बारे में पूछे गये सवाल पर उन्होंने कहा कि ‘चुनाव आयोग के समक्ष अनिवार्य मतदान का कोई प्रस्ताव नहीं है.’
राजीव कुमार ने कहा कि मतदान प्रतिशत बढ़ाने और मतदान में आसानी बढ़ाने के लिए पहल की गई है. साथ ही राजस्थान में कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सीमा क्षेत्र, खासकर हरियाणा और पंजाब सीमा पर शराब और नकदी के परिवहन की जांच करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं.
उन्होंने बताया कि राजस्थान में कुल 5.25 करोड़ मतदाता हैं जिनमें 2.73 करोड़ पुरुष, 2.51 करोड़ महिला और 604 ट्रांसजेंडर शामिल हैं. उन्होंने बताया कि 18462 मतदाता 100 वर्ष से अधिक आयु के हैं, 11.8 लाख 80 वर्ष से अधिक आयु के हैं और 21.9 लाख पहली बार मतदाता हैं. आयोग के सदस्यों के साथ अपने राजस्थान दौरे के दौरान आयोग ने चुनाव तैयारियों के संबंध में राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ कई बैठकें कीं थीं. आयोग ने तीन दिनों के दौरे के दौरान राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, जिला कलेक्टरों और जिला पुलिस अधीक्षकों और अन्य अधिकारियों के साथ बैठकें कीं.