इसी शिक्षा-सत्र यानी 2022-23 से देशभर के कॉलेजों में ग्रेजुएशन, पोस्ट-ग्रेजुएशन पाठ्यक्रमों के लिए होने वाले सभी दाखिले एक कॉमन टेस्ट के आधार पर होंगे. इस परीक्षा का नाम है- कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट.
केंद्रीय विश्वविद्यालयों और उनसे संबद्ध कॉलेजों में दाखिले के लिए तो यह परीक्षा पास करना अनिवार्य ही होगा. निजी और डीम्ड-विश्वविद्यालयों से जुड़े विभिन्न कॉलेज भी सीयूईटी (CUET) में बच्चों के प्राप्त-अंकों को उन्हें दाखिला देने के लिए आधार बना सकते हैं.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने यह जानकारी देते हुए बताया कि नई व्यवस्था का आरक्षित सीटों पर असर नहीं पड़ेगा. लेकिन आरक्षित सीटों वाले बच्चों को भी सीयूईटी पास करने के बाद उनकी अपनी श्रेणी में दाखिला मिलेगा.
गौरतलब है कि विभिन्न राज्यों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और स्थानीय बच्चों के लिए भी आरक्षण-श्रेणियां बनी हुई हैं. इन श्रेणियों सहित शेष रह गई सीटों पर अनारक्षित श्रेणी के बच्चों को प्रवेश दिया जाता है. सभी बच्चों को प्रवेश अब तक 12वीं की परीक्षा में मिले अंकों के आधार पर ही देने की व्यवस्था रही है. हालांकि अब इसमें व्यापक स्तर पर बदलाव की प्रक्रिया शुरू हुई है.
एम जगदीश कुमार के मुताबिक कॉलेजों में प्रवेश लेने के लिए सीयूईटी (CUET) में बैठना सभी को होगा. वे चाहे आरक्षित वर्गों के बच्चे हों या अनारक्षित. सीयूईटी (CUET) में उन्हें जो नंबर प्राप्त होंगे, उसके आधार पर वरीयता-क्रम बनेगा. इसी आधार संबंधित श्रेणियों में विभिन्न छात्र-छात्राओं को उच्च-शिक्षण संस्थानों में दाखिला मिलेगा. यह नियम सभी पर समान रूप से लागू होगा. केंद्रीय विश्वविद्यालयों और उनसे जुड़े कॉलेजों में जो बच्चे प्रवेश नहीं ले पाएंगे, वे निजी और डीम्ड यूनिवर्सिटियों में जा सकेंगे. वहां उन्हें कोई अलग प्रवेश-परीक्षा नहीं देनी होगी. उनके संस्थान चाहें तो उन्हें 12वीं के प्राप्त-अंकों या सीयूईटी (CUET) के अंकों के आधार पर दाखिला दे सकेंगे.
देश की 13 भाषाओं में ली जाने वाली सीयूईटी 3 खंडों में बंटी होगी
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, सीयूईटी (CUET) जुलाई के पहले सप्ताह में आयोजित की जा सकती है. पाठ्यक्रम वही होगा, जो एनसीईआरटी (NCERT) का, 12वीं में पढ़ा हुआ है. देश की 13 भाषाओं में ली जाने वाली यह परीक्षा 3 खंडों (Sections) में होगी.
पहला- एक अनिवार्य भाषा का, इसमें छात्र-छात्राओं को 13 भाषाओं में से कोई एक विकल्प चुनना होगा. दूसरे खंड में उन विषयों के 27 विकल्प होंगे, जिनमें से कॉलेज में अपनी पढ़ाई के लिए बच्चे अपने विषय चुनेंगे. इस तरह के अधिकतम 6 विषय सीयूईटी (CUET) में बैठने के लिए चुने जा सकेंगे.
तीसरा खंड वैकल्पिक होगा. इनमें या तो बच्चा सामान्य ज्ञान आधारित टेस्ट दे सकता है या फिर 19 चुनिंदा भाषाओं में से किसी एक का. जैसे, जापानी, फ्रेंच, रसियन, जर्मन, आदि ऐसी ही.