कोरोना की नई लहर में कई बार ऐसी खबरें प्रकाश में आई हैं कि संक्रमण का पता RT-PCR टेस्ट में नहीं चल रहा है. फिर मरीजों को सिटी स्कैन (CT-SCAN) कराना पड़ रहा है. लेकिन अब एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने आगाह किया है कि सिटी स्कैन का इस्तेमाल सोच समझकर होना चाहिए.
उन्होंने सोमवार को स्वास्थ्य मंत्राय की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि एक सीटी स्कैन तीन सौ चेस्ट एक्सरे के बराबर है, ये बहुत ज्यादा हानिकारक है.
गुलेरिया ने कहा है कि होम आइसोलेशन में रह रहे लोग अपने डॉक्टर से संपर्क करते रहें. सेचुरेशन 93 या उससे कम हो रही है, बेहोशी जैसे हालात हैं, छाती में दर्द हो रहा है तो एकदम डॉक्टर से संपर्क करें.
स्वास्थ्य मंत्रालय की कॉन्फ्रेंस में बताया गया है कि ज्यादा प्रभावित राज्यों के अलावा भी कुछ राज्यों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. ये राज्य हैं आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, चंडीगढ़, हरियाणा, कर्नाटक, केरल, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर और मेघालय.
मंत्रालय ने यह भी बताया है कि रिकवरी रेट में भी सुधार हो रहा है. 2 मई को रिकवरी रेट 78 प्रतिशत था जो 3 मई को 82 प्रतिशत तक पहुंच गया. ये शुरुआती सकारात्मक बातें हैं जिन पर हमें लगातार काम करना होगा. दिल्ली और मध्य प्रदेश में नए मामलों की संख्या में कमी देखी जा रही है. मंत्रालय ने बताया है कि अगर पूरे देश की कोरोना मृत्यु दर देखें तो ये करीब 1.10 प्रतिशत है.