नई दिल्ली| देश में वायु प्रदूषण को लेकर अक्सर बहस होती है, और इसके लिए सबसे ज्यादा लगातार सड़कों पर बढ़ते वाहनों को जिम्मेदार ठहराया जाता है. ऐसे में वायु प्रदूषण और ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए तेजी से मांग उठती है.
इस बीच वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद और केपीआइटी टेक्नोलॉजी ने हाइड्रोजन ईंधन सेल (HFC) से चलने वाली पहली प्रोटोटाइप कार का सफल परीक्षण देश में किया है. शनिवार को एक बयान में इस बारे में जानकारी दी गई.
आपको बता दें हाइड्रोजन ईंधन सेल पूरी तरह से देश में विकसित किया गया ईंधन सेल स्टैक है. हाइड्रोजन ईंधन सेल तकनीक विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के बीच (हवा से) रासायनिक प्रतिक्रियाओं का उपयोग करती है और जीवाश्म ईंधन के उपयोग को समाप्त करती है.
ईंधन सेल तकनीक केवल पानी छोड़ती है और इस प्रकार अन्य वायु प्रदूषकों के साथ हानिकारक ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी करती है.
ईंधन सेल स्टैक से मतलब विद्युत ऊर्जा पैदा करने वाली बैटरियों से है, जिन्हें एकत्र करने के लिए ज्यादा जगह की जरूरत नहीं पड़ती.
इसे सात सीटों वाली कार में आसानी से फिट किया जा सकता है. यह तकनीक 65-75 डिग्री सेल्सियस तापमान पर भी काम करती है जो वाहन चलाने के वक्त पैदा होने वाली गर्मी को सह सकती है.
बयान में कहा गया है कि औद्योगिक अनुसंधान परिषद और केपीआइटी टेक्नोलॉजी ने 10 किलोवाट की इलेक्ट्रिक बैटरी तैयार की है.
हाइड्रोजन ईंधन सेल तकनीक का इस्तेमाल जैसे-जैसे बढ़ेगा, प्रदूषण का स्तर कम होगा और दुनिया एक साफ-सुथरी जगह बन जाएगी. परीक्षण के लिए बैटरी से चलने वाली इलेक्ट्रिक कार में ही ईंधन सेल को फिट किया गया था.