देश की सबसे बड़ी केंद्रीय पुलिस बल, सीआरपीएफ की महिला कमांडो एक इतिहास रचने जा रही है. एक कठिन प्रशिक्षण के बाद सीआरपीएफ की महिला कमांडो की पहली बार कोबरा बटालियन में तैनाती की जा रही है जो अब सीधे नक्सली इलाकों में तैनात होकर उनका सफाया करेंगी.
एक लंबे प्रशिक्षण के बाद महिला कमांडो की पहली यूनिट को 6 फ़रवरी को कोबरा बटालियन में शामिल किया जाएगा.
6 फरवरी सीआरपीएफ के लिए इसलिए भी ख़ास है क्यूंकि इसी दिन साल 1986 में बल के पहले महिला बटालियन का गठन हुआ था. इस बटालियन की तैनाती ऐसे समय में की जा रही है जब नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई एक अहम मोड़ पर पहुंच गई हैं.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, महिला बटालियन की स्थापना दिवस के मौके पर 34 से भी ज्यादा महिला योद्धाओं को कोबरा बटालियन में शामिल किया जाएगा. इस मौके पर ऑल वुमन ब्रास बैंड का भी गठन किया जाएगा. आपको बता दें पहले से ही सीआरपीएफ में ऑल वुमन पाइप बैंड है.
आंतरिक सुरक्षा के उद्देश्य से गठित की गई सीआरपीएफ में 1986 से ही महिला कर्मी हैं, जब इसकी प्रथम महिला बटालियन का गठन किया गया था. बल में अभी ऐसी छह इकाइयां हैं. बल में करीब 3.25 लाख कर्मी हैं और यह देश का सबसे बड़ा अर्द्धसैनिक बल है.
आपको बता दें कि कोबरा बटालियन में शामिल किये जाने वाले सैनिकों को मानसिक एवं शारीरिक स्तर पर कड़े मानदंडों पर खरा उतरना पड़ता है. भारत सरकार ने उग्रवादियों एवं विद्रोहियों से निपटने और गुरिल्ला/जंगल युद्ध जैसे ऑपरेशनों में दृढ़तापूर्वक कार्रवाई के लिए (कोबरा) कमाण्डों बटालियन फॉर रेजोल्यूट एक्शन के गठन की मंजूरी गृह मंत्रालय द्वारा प्रदान की गई थी.