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सरकार ने कोविन डेटा उल्लंघन का दावा करने वाली खबरों को किया खारिज

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सरकार ने कोविन डेटा उल्लंघन का दावा करने वाली खबरों को पूरी तरह खारिज किया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि ये खबर निराधार और शरारतपूर्ण हैं, पोर्टल पूरी तरह से सुरक्षित है. केंद्र ने सोमवार को कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय का कोविन पोर्टल डेटा गोपनीयता के लिए सुरक्षा उपायों के साथ पूरी तरह से सुरक्षित है. केंद्र ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया जिसमें दावा किया गया था कि भारतीयों का डेटा ऑनलाइन लीक हो गया है.

देश में कोविड-19 टीकाकरण प्राप्त करने वाले लाभार्थियों के डेटा का दावा करने वाली मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए सरकार ने कहा कि ये निराधार हैं और शरारतपूर्ण हैं. सरकार ने कहा कि ट्विटर पर कुछ पोस्ट में दावा किया गया था कि टेलीग्राम बॉट का उपयोग करके लोगों के निजी डेटा तक पहुंचा जा रहा है. इसमें कहा गया कि बॉट किसी लाभार्थी के मोबाइल नंबर या आधार नंबर को पास करके व्यक्तिगत डेटा खींचने में सक्षम है.

यह दोहराते हुए कि पोर्टल सुरक्षित है, सरकार ने कहा कि वेब एप्लिकेशन फायरवॉल, एंटी-डीडीओएस, एसएसएल/टीएलएस, मूल्यांकन, पहचान और पहुंच प्रबंधन आदि के साथ सख्त सुरक्षा उपाय किए गए हैं. केवल ओटीपी प्रमाणीकरण-आधारित डेटा का उपयोग हो हो सकता है. सरकार ने कहा कि कोविन पोर्टल में डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाए गए हैं और उठाए जा रहे हैं.

बता दें कि कोविन पोर्टल का स्वामित्व और प्रबंधन स्वास्थ्य मंत्रालय के पास है. पोर्टल के विकास के संचालन और नीतिगत मुद्दों पर निर्णय लेने के लिए एक अधिकार प्राप्त समूह (ईजीवीएसी) का गठन किया गया था. राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) के पूर्व CEO ने EGVAC की अध्यक्षता की जिसमें MoHFW और MeitY के सदस्य भी शामिल हैं.

सरकार ने कहा कि CoWin डेटा एक्सेस तीन स्तरों पर उपलब्ध है, यानी लाभार्थी डैशबोर्ड, अधिकृत उपयोगकर्ता और एपीआई आधारित एक्सेस मिल सकता है. सरकार ने साफ किया कि ओटीपी के बिना टीकाकृत लाभार्थियों के डेटा को किसी भी बॉट के साथ साझा नहीं किया जा सकता है.


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