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देसी वैक्‍सीन ने किया कमाल, बंदरों में किया वायरस का सफाया

सांकेतिक फोटो

भारत बायोटेक की कोरोना वायरस वैक्‍सीन ‘कोवैक्सिन’ जानवरों पर ट्रायल में सफल रही है. कंपनी ने शुक्रवार को ऐलान किया कि Covaxin ने बंदरों में वायरस के प्रति ऐंटीबॉडीज विकसित की. यानी लैब के अलावा जीवित शरीर में भी यह वैक्‍सीन कारगर है, यह साबित हो गया है.

कंपनी ने कहा कि बंदरों पर स्‍टडी के नतीजों से वैक्‍सीन की इम्‍युनोजीनिसिटी (प्रतिरक्षाजनकता) का पता चलता है. भारत बायोटेक ने खास तरह के बंदरों को वैक्‍सीन की डोज दी थी.

फिलहाल इस वैक्‍सीन का भारत में अलग-अलग जगहों पर फेज 1 क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है. सेंट्रल ड्रग्‍स स्‍टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने इसी महीने भारत बायोटेक को फेज 2 ट्रायल की अनुमति दी है.

कंपनी ने बीते दिनों ह्यूमन ट्रायल का पहला फेज पूरा किया और अब दूसरे दौर के लिए DCGI से अनुमति मांगी है. माना जा रहा है कि कुछ ही दिनों सेकेंड ट्रायल भी शुरू हो जाएगा.

भारत बायोटेक ने पहले फेज में 12 शहरों में वैक्सीन के ट्रायल किए. इस दौरान इसमें 375 लोगों ने हिस्सा लिया. बता दें कि भारत में इस वक्त तीन वैक्सीन पर काम चल रहा है.

बता दें कि किसी भी वैक्सीन में आमतौर पर तीन फेज में क्लीनिकल ट्रायल होते हैं. पहले फेज में ये पता लगाया जाता है कि क्या इसके इस्तेमाल से लोगों को कोई साइड इफ्केट तो नहीं हो रहा.

दूसरे फेज में ज्यादा लोगों पर ट्रायल कर वैक्सीन कितना असरदार है ये पता लगाया जाता है, जबकि तीसरे और आखिरी फेज में हजारों लोगों पर ट्रायल किया जाता है

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