कोरोना महामारी में बिहार एक बार फिर पूरे देश भर में सुर्खियों में छाया हुआ है. कोविड-19 की दूसरी लहर में बिहार के ‘कांसेप्ट’ की सराहना हो रही है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एचआईटी कोविड ऐप 17 मई को लॉन्च किया था.
इस प्रोजेक्ट के तहत स्वास्थ्यकर्मी होम आइशोलेशन में रह रहे मरीजों के घर पर हर दिन जाकर उनका तापमान और ऑक्सीजन लेवल रिकॉर्ड करते हैं और फिर इस डेटा की ऐप में एंट्री की जाती है. इस जानकारी के आधार पर जरूरी कदम उठाए जाते हैं.
गांवों में जिन स्वास्थ्य कर्मियों को इस काम में लगाया गया है, उन्हें एमबीबीएस डॉक्टर्स द्वारा एक साल तक क्रैश कोर्स कराया गया है. हालांकि इन्हें सिर्फ बेसिक मेडिकल असिस्टेंस देने का ही अधिकार है और इसके अलावा मरीज के गंभीर होने पर अस्पताल पहुंचाने में मदद कर सकते है. लॉन्च हिट ऐप को स्वास्थ्य विभाग के गाइडेंस में बिहार स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने डेवलप किया था.
बता दें कि शुरुआत में इस ऐप को परीक्षण के तौर पर पहले सिर्फ पांच जिलों में लॉन्च किया गया था और इसकी सफलता को देखते हुए इसे पूरे राज्य में लागू कर दिया गया है. इसके लिए सभी जिलों में एक नोडल ऑफिसर को नियुक्त किया गया है. इस ऐप के जरिए बिहार के ग्रामीण इलाकों में कोरोना वायरस से लड़ाई में बहुत मदद मिल रही है. अब इसे अन्य राज्यों में भी लागू करने की तैयारी हो रही है.
हिट कोविड ऐप के कांसेप्ट से पीएम मोदी बहुत प्रभावित हुए हैं. प्रधानमंत्री ने इसकी डिटेल्स केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजने का आदेश दिया है ताकि इसे देश भर में यूटिलाइज किया जा सके. एडीशनल चीफ सेक्रेटरी (हेल्थ) प्रत्यय अमृत ने जानकारी दी कि स्वास्थ्य विभाग ने हिट कोविड ऐप को लेकर एक पेज की डिटेल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेज दिया है.