उत्‍तराखंड

उत्तराखंड में कोविड 19 वैक्सीन टीकाकरण शुरू, 33 स्वास्थ्य केंद्रों में लगेंगे टीके

फोटो साभार हिन्दुस्तान

शनिवार सुबह 10:30 बजे से उत्तराखंड में 33 स्वास्थ्य केंद्रों में कोविड 19 वैक्सीन टीकाकरण शुरू हो गया है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के स्तर से तैयारी पूरी की गई थी. बड़े जिलों में चार चार केंद्रों तो छोटे जिलों में दो से तीन केंद्रों में टीकाकरण अभियान शुरू हुआ है. देहरादून, हरिद्वार, यूएसनगर, नैनीताल के स्वास्थ्य केंद्रों में चार चार जगह टीकाकरण होगा. इसके अलावा पहाड़ के दूसरे जिलों में स्वास्थ्य केंद्रों में दो से तीन जगह टीकाकरण होगा.

राजधानी स्थित दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के पहुंचने के बाद वैक्सीनेशन का काम शुरू हो गया है. वार्ड बॉय शैलेंद्र द्विवेदी को पहला टीका लगाया गया है और अभी उन्हें आधा घंटा तक ऑब्जर्वेशन में रखा जाएगा. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत में डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ को सराहना की है. उनको नमन किया है. मुख्यमंत्री ने सीधे तौर पर कहा है कि उनकी प्राथमिकता केवल प्रदेश में विकास करना है.

सबसे पहले कोरोना वैक्सीन का टीका रेडियोलॉजी विभाग के तकनीशियन अभय नेगी को लगा है. बता दें कि नेगी कोरोना संक्रमित भी हुए हैं. कोरोना वायरस को पूरी तरह से मात देने के बाद वह 10 महीनों से लगातार अपनी सेवाएं वार्ड और विभाग में दे रहे हैं. वैक्सीन लगाने को लेकर वह काफी उत्साहित भी हैं और लोगों से अपील करते हैं कि वह कोविड गाइडलाइन्स का सख्ती से पालन करें ताकि वायरस को जड़ से खत्म किया जा सके.

जिला अस्पताल, मेडिकल कालेज, संयुक्त चिकित्सालय में टीकाकरण की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा. करीब 87 हजार फ्रंट लाइन हेल्थ वर्कर का टीकाकरण होगा. राज्य को केंद्र से 1.13 लाख वैक्सीन मिली हैं. जो पुलिस, स्वास्थ्य कर्मी, डॉक्टर समेत सभी फ्रंटलाइन वर्कर को लगेंगी. पूरा प्रयास किया जा रहा है कि अगले आठ से दस दिन के भीतर टीकाकरण की इस प्रक्रिया को पूरा किया जाए.

टीकाकरण एक व्यापक अभियान है और टीके के बाद लाभार्थी को आधे घंटे तक बिठाया जाना है. ऐसे में पहले ही दिन टीकाकरण में किसी तरह की दिक्कत न आए इसलिए सेंटरों की संख्या कुछ कम की गई है. उन्होंने बताया कि पहले दिन राज्य के 33 केंद्रों पर सौ प्रति सेंटर के हिसाब से कुल 3300 के करीब स्वास्थ्य कर्मियों को टीके लगने की उम्मीद है. हालांकि पहाड़ में विषम परिस्थितियों में सौ की बजाए एक बूथ पर 75 टीकों की भी छूट दी गई है इसलिए यह संख्या तीन हजार के आसपास रहने की उम्मीद है.

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