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कोरोना वैक्सीन को लेकर आई बड़ी खबर! फरवरी-मार्च तक लॉन्‍च हो सकती है पहली स्‍वदेशी वैक्‍सीन

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सांकेतिक फोटो

नई दिल्‍ली| कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम को लेकर जारी कोशिशों के बीच अब हर किसी की किसी की नजर वैक्‍सीन पर टिकी है.

इस बीच ICMR के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने उम्‍मीद जताई है कि अगले साल की पहली तिमाही या जनवरी से मार्च के बीच वैक्‍सीन लॉन्‍च हो जाने की उम्‍मीद है.

यहां ICMR के साथ मिलकर भारत बायोटेक कोरोना से बचाव के लिए वैक्‍सीन तैयार करने में जुटा है, जिसके लिए तीसरे चरण का परीक्षण इसी माह शुरू होने जा रहा है. अब तक के परीक्षणों में इसे सुरक्षित बताया गया है.

ICMR के वरिष्ठ वैज्ञानिक रजनीकांत के अनुसार, अब तक के परीक्षणों में ‘कोवैक्सीन’ का प्रभाव बेहतर दिख रहा है. अंतिम चरण का ट्रायल इस महीने शुरू होने जा रहा है.

अब तक के परीक्षणों में इसे सुरक्षित व प्रभावी पाया गया है. सबकुछ ठीक रहा तो अगले साल की पहली तिमाही में वैक्‍सीन लॉन्‍च कर दिया जाएगा.

अगर ऐसा होता है तो कोरोना वायरस संक्रमण से जूझ रहे भारत में लॉन्‍च होने वाली पहली स्‍वदेशी वैक्‍सीन होगी. इससे पहले भारत बायोटेक ने उम्‍मीद जताई थी कि अगले साल की दूसरी तिमाही में ही वैक्‍सीन को लॉन्‍च किए जाने की संभावना है.

देश में संक्रमण की स्थिति को देखते हुए सवाल किया जा रहा है कि क्‍या यह वैक्‍सीन तीसरे चरण का ट्रायल पूरा होने से पहले भी दिया जा सकता है? इस बारे में डॉ. रजनीकांत ने काह कि यह फैसला स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय को लेना है.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत में उन्‍होंने कहा, ‘पहले और दूसरे चरण का ट्रायल सुरक्ष‍ित व प्रभावी रहा, लेकिन जब तक तीसरे चरण का ट्रायल पूरा नहीं हो जाता, आप 100 प्रतिश्‍त आश्‍वस्‍त नहीं हो सकते.

कुछ जोखिम हो सकता है, यदि आप जोखिम लेने के लिए तैयार हैं तो आप वैक्सीन ले सकते हैं. यदि आवश्यक हो, तो सरकार आपातकालीन स्थिति में वैक्सीन देने के बारे में सोच सकती है.’

दरअसल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने सितंबर में कहा था कि सरकार, खास तौर पर बुजुर्गों और संक्रमण को लेकर जोखिम वाले क्षेत्रों में काम करने वालों को आपात परिस्थित‍ि में वैक्‍सीन देने पर विचार कर रही है.

कोरोना वैक्‍सीन को लेकर दुनियाभर में परीक्षण हो रहे हैं और कई जगह वैक्‍सीन ट्रायल के अंतिम चरण में है. इनमें ब्रिटेन का एस्ट्राजेनेका ट्रायल के एडवांस चरण में है.

इसके इस साल के आखिर तक या 2021 की शुरुआत में सामने आने की उम्‍मीद जताई जा रही है. एस्ट्राजेनेका ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया सहित दुनिया भर की कंपनियों और सरकारों के साथ आपूर्ति और विनिर्माण को लेकर समझौते किए हैं.

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