वाराणसी| ज्ञानवापी विवाद में गुरुवार को वाराणासी जिला न्यायालय में सुनवाई हुई. इस दौरान मुस्लिम पक्ष ने अपनी बहस शुरू की. हालांकि गुरुवार को मुस्लिम पक्ष अपनी बहस पूरी नहीं कर सका और अब मामले की अगली सुनवाई सोमवार (30 मई) दोपहर दो बजे शुरू होगी.
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि मुस्लिम पक्ष के हमारी याचिका के पैराग्राफ पढ़े और यह बताने की कोशिश की कि याचिका मेंटेनेबल नहीं है, तभी हमने हस्तक्षेप किया और अदालत को बताया कि हमारे पास विशिष्ट अधिकार हैं और सभी दलीलें दी गई हैं. कोर्ट में प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट को लेकर सुनवाई की जा रही थी. इस दौरान दोनों ही पक्षों ने अपने अपने मुद्दे रखे और बहस काफी लंबी चली.
करीब दो घंटे तक चली सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील अभय नाथ और मुमताज अहमद ने दलील रखीं. इस दौरान कोर्ट में दोनों पक्षों की ओर से 36 लोग मौजूद रहे. मुस्लिम पक्ष ने वर्शिप एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि मामला सुनवाई लायक है ही नहीं.
शिवलिंग को लेकर अफवाह फैलाई गई है. मस्जिद में शिवलिंग नहीं है और इस अफवाह से व्यवस्था पर असर पड़ रहा है. मुस्लिम पक्ष ने कहा कि इस अधिनियम के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के पिछले फैसले देखे जा सकते हैं. मुस्लिम पक्ष ने तर्क दिया कि वादी को मस्जिद के शीर्षक का दावा करने का कोई अधिकार नहीं है.
वहीं दूसरी तरफ हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर ने बताया कि ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है. वहीं कोर्ट के आदेश पर एक अधिवक्ता को न्यायालय परिसर से हटा भी दिया गया है. वहीं मुस्लिम पक्ष ने चिंता जताते हुए कहा कि शिवलिंग का अस्तित्व केवल कथित है और अभी तक सिद्ध नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि अफवाहों के चलते सार्वजनिक अशांति होती है. जिसके लिए शिवलिंग का अस्तित्व साबित होने तक अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.