पिछले वर्ष 2020 में जब यह महामारी की पहली लहर शुरू हुई थी तब केंद्र सरकार के समय रहते ‘कड़े कदम’ उठाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खूब प्रशंसा हुई थी और दुनिया भर के दिग्गज नेताओं के बीच उनकी ताकत और बढ़ गई थी. आज बात एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की होगी . वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हुए नरेंद्र मोदी लगातार अपनी लोकप्रियता बढ़ाते चले गए. हाल ही में पांच राज्यों के चुनाव से पहले और कोविड-19 की दूसरी लहर से देश में हालात नहीं बिगड़े थे तब तक पीएम मोदी देश और विदेश में मजबूत नेता की ‘छवि’ के रूप में अपने आप को स्थापित किए हुए थे .
लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने मोदी की ‘धाक को चौपट’ कर दिया . इस बार महामारी को रोकने के किए गए इंतजामों पर कई देशों ने पीएम मोदी पर सवाल उठाए . प्रधानमंत्री भी जान रहे हैं कि कहीं न कहीं ‘चूक’ जरूर हुई है . अंतरराष्ट्रीय मीडिया और विपक्ष इसके लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहा है. निशाने पर खुद मोदी और उनके लिए फैसले हैं. दूसरी ओर देश में विपक्षी दल खासतौर पर कांग्रेस भी मोदी सरकार पर इस महामारी के बेकाबू होने का पूरा आरोप लगा रही है . पीएम मोदी पर हमले तेज हुए तो उनके बचाव में केंद्र के कई केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के बड़े नेता एक साथ मैदान में उतर आए हैं.
बता दें कि पिछले दिनों अंग्रेजी वेबसाइट ‘द डेली गार्जियन’ में छपे एक आर्टिकल (लेख) में महामारी की दूसरी लहर से निपटने के लिए ‘पीएम मोदी को कड़ी मेहनत और लगातार काम करते हुए लिखा गया है’. इसके साथ यह भी लिखा है कि कोई भी नहीं जानता था कि दूसरी लहर इतनी भयावह होगी तो क्या इसके लिए मोदी को जिम्मेदार ठहराना सही है? सुप्रीम कोर्ट ने 30 अप्रैल को कहा था कि 70 साल में देश में जो हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया, वो पर्याप्त नहीं था, इससे स्थिति इतनी विकट हुई. भाजपा के कई नेताओं ने वेबसाइट में छपे लेख के अंश को ट्वीट करते पीएम मोदी के लिए मजबूती के साथ खड़े हो गए हैं .
भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने ट्वीट करते हुए कहा कि ‘देश में इस वक्त रिकवरी या डेथ पर बहस नहीं हो रही, बहस इस बात पर हो रही है कि इस महामारी के लिए किसे जिम्मेदार ठहराया जाए’. केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने आर्टिकल शेयर करते हुए उसकी हेडिंग ट्वीट की, ‘मैंने अभी देखा पीएम मोदी कड़ी मेहनत कर रहे हैं, विपक्ष की बातों में न फंसें’. गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने आर्टिकल शेयर करते हुए उसका ये हिस्सा ट्वीट किया कि ‘ये वो प्रधानमंत्री हैं जो संकट आने पर चुपचाप काम करते हैं और राजनीतिक बयानों पर प्रतिक्रिया नहीं देते, क्योंकि ये उसका समय नहीं है, पीएम मोदी पर विपक्ष के फर्जी प्रोपेगेंडा में न फंसें’.
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी इस आर्टिकल को शेयर करते हुए अमित मालवीय और किशन रेड्डी वाली लाइनें ही ट्वीट कीं. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास ने लेख शेयर करते हुए उसकी हेडिंग ट्वीट की, केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भी यही किया. वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल, मध्य प्रदेश की पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस ने भी लेख की हेडिंग ट्वीट करते हुए उसका लिंक शेयर किया. दूसरी ओर शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कोरोना संकटकाल में अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, दवा और वैक्सीन आदि को लेकर मोदी सरकार पर सवाल उठाए हैं .
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार